इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस के साथ भले ही सपा की तीन बैठकों के बाद भी सीटें फाइनल नहीं हो सकी हैं लेकिन रालोद के साथ बंटवारा हो गया है। शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के बीच बैठक के बाद सीटों के बंटवारे पर मुहर लग गई।रालोद ने पिछली बार तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार सपा ने बड़ा दिल दिखाते हुए रालोद को सात सीटें दी हैं। कहा जा रहा है कि सपा यूपी में 80 में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अपनी 65 में से ही वह रालोद को सीटें दे रही है। सीटों के नाम की आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि रालोद को बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा और कैराना लोकसभा सीट दी गई है। इसके साथ ही नगीना की सीट आजाद पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को देने पर पहले ही सहमति बन गई हैसपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर भी गठबंधन की घोषणा की। एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय लोक दल और सपा के गठबंधन की सभी को बधाई। जीत के लिए सभी एकजुट हो जाएं, जुट जाएं। अखिलेश के ट्वीट को रीपोस्ट करते हुए जयंत चौधरी ने लिखा कि राष्ट्रीय, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं से उम्मीद है, अपने क्षेत्र के विकास और खुशहाली के लिए कदम मिलाकर आगे बढ़ें। जयंत चौधरी ने अपने पोस्ट के साथ तस्वीरें भी डाली हैं जिनमें वह और अखिलेश यादव हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं। रालोद को पिछली बार मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीट मिली थीं, लेकिन वह तीनों सीट पर हार गईअगले ही हफ्ते पीएम मोदी पश्चिमी यूपी के बुलंदशहर से भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। भाजपा को पिछले चुनाव में इस इलाके में बड़ी चोट लगी थी। भाजपा 14 में से सात सीटें हार गई थी। पीएम मोदी की रैली को इस इलाके में राममंदिर के मुद्दे को भुनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इससे ठीक पहले दोनों दलों के बीच सीटों पर समझौते को बड़ा कदम माना जा रहा है।पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा के साथ गठबंधन किया था। इस दौरान सपा ने रालोद को तीन सीटें दी थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में रालोद को 14 सीटें दी गई थीं। कांग्रेस से बंटवारे से पहले ही रालोद को सीटें देना सपा की दबाव की राजनीति भी माना जा रहा है। सपा कांग्रेस को यह बताने की कोशिश कर रही है कि वह लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत गंभीर है। वह चाहती है कि जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा हो जाए।