मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन : जबर्दस्त स्पीड, भूंकप का पता लगाने वाला सिस्टम और क्या होगा इसमें खास!

मुंबई से अहमदाबाद के बीच बन रहा ट्रेन कॉरिडोर, जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है, इन दिनों चर्चाओं में छाया हुआ है। इस रेल कॉरिडोर का काम पूरा होने और इसके शुरू होने का इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे हैं।पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वीडियो के जरिए इस रेल कॉरिडोर की कुछ खासियतों के बारे में बताया।नवंबर 2021 से ही इस रेल कॉरिडोर का काम चल रहा है। पिछले साल रेल मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सबसे पहले गुजरात के बिलीमोरा और सूरत के बीच 50 किमी लंबे बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया जाएगा। इस सेक्शन पर बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाने का काम अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना व्यक्त की गयी थी।

बता दें, भारतीय रेलवे बुलेट ट्रेन को देश का भविष्य बता रही है। जब इन ट्रेनों का संचालन शुरू होगा तब शुरुआती दिनों में 35 बुलेट ट्रेन हर रोज चलाने का फैसला लिया गया है। ये हर दिन अलग-अलग रूट्स पर 70 ट्रिप्स चलेंगी। एक बार बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू हो जाने के बाद हर साल लगभग 1.6 करोड़ यात्रियों के बुलेट ट्रेन से यात्रा करने की संभावना व्यक्त की गयी है।

साल 2050 तक देश में बुलेट ट्रेनों की संख्या को बढ़ाकर 105 करने की योजना है। रेल मंत्री ने पहले ही बताया था कि बुलेट ट्रेन के लिए 3 गोल्डेन हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाने की योजना है, जिसमें दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई और मुंबई-चेन्नई शामिल है।

चलिए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की मुख्य खासियतों के बारे में बताते हैं :-

  • मुंबई से अहमदाबाद के बीत करीब 508 किमी की दूरी को तय करने में बुलेट ट्रेन अधिकतम 320 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ेगी।
  • इस दूरी को तय करने में बुलेट ट्रेन को महज 2 घंटे का समय लगेगा।
  • बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए स्लैब ट्रैक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, जो भारत में पहली बार होगा।
  • बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में भूकंप का जल्दी पता लगाने वाली सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
  • पूरे रूट को तैयार करने में नदियों पर 24 ब्रिज, 28 स्टील ब्रिज, 7 पहाड़ी सुरंगे बनायी जा रही हैं।
  • बुलेट ट्रेन का कॉरिडोर में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर सुरंग के अंदर से गुजरेगा।

गौरतलब है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को तैयार करने में कुल लागत लगभग 1.08 लाख करोड़ रूपए की आने वाली है। इसमें से 10,000 करोड़ रूपए की लागत केंद्र सरकार और बाकी 5-5 हजार करोड़ रूपए की लागत गुजरात और महाराष्ट्र सरकार देगी। बाकी की राशि जापान से 0.01% की न्यूनतम ब्याज दर पर कर्ज के रूप में ली गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *