एक तरफ कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को हराने का दावा कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ खुद के लोग ही साथ छोड़ते जा रहे हैं। सबसे पुरानी पार्टी की सुबह एक बड़े झटके के साथ हुई। राहुल गांधी के करीबी कहे जाने वाले मिलिंद देवड़ा ने पार्टी के साथ छोड़ने का एलान कर दिया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शुरू होने से कुछ घंटे पहले ये खबर मिलने से कांग्रेस तिलमिला उठी है। आम चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा जैसे बड़े नेता का पार्टी को छोड़ना कांग्रेस काफी नुकसान पहुंचा सकता है। खास बात ये है कि देवड़ा कांग्रेस छोड़कर जाने वाले पहले और आखिरी नेता नहीं हैं। बीते कुछ समय में पार्टी से मिलिंद समेत कई बड़े नेता अपना मुंह मोड़ चुके हैं।सबसे पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल आते हैं। सिब्बल ने 16 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के एक हफ्ते बाद इसकी घोषणा की थी। उन्होंने बाद में समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद के तौर पर नामांकन भरा था। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने भी साल 2022 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। सबसे पुरानी पार्टी के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका था। गुलाम नबी की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था।इसके बाद गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मई 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। राहुल गांधी हार्दिक को 2019 में पार्टी में लेकर आए थे। हार्दिक पटेल ने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता अपने फोन में ही व्यस्त रहते हैं। अपने त्याग पत्र के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे।पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।सुनील जाखड़, जिन्होंने पंजाब कांग्रेस इकाई का नेतृत्व किया था, ने 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के लिए नेतृत्व द्वारा कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी थी। वह मई में भाजपा में शामिल हुए और उसी साल जुलाई में उन्हें भाजपा पंजाब इकाई का प्रमुख बना दिया गया था।पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह जनवरी 2022 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी सूची मे आगे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। वो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उस दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस में बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ, जिससे कमल नाथ सरकार गिर गई थी।इसके बाद जितिन प्रसाद राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। उन्होंने साल 2021 में कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद वो भी भाजपा में शामिल हो गए थे। उस दौरान वह यूपी में कांग्रेस के शीर्ष ब्राह्मण चेहरे थे। इसी तरह कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर ने जुलाई 2019 में दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ मतदान करने के बाद पार्टी छोड़ दी थी।इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिछले साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी थी और अगले महीने भाजपा में शामिल हो गए थे।