भोजशाला पर मुस्लिम पक्ष को झटका, सुप्रीम कोर्ट का ASI सर्वे पर रोक से इनकार

भोजशाला पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश के धार के विवादित स्थल भोजशाला में एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर केंद्र, मध्य प्रदेश सरकार और ASI को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट एएसआई को विवादित स्थल भोजशाला में वैज्ञानिक सर्वेक्षण (ASI survey of Bhojshala) करने का निर्देश दिया गया था।सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने अपने अंतरिम निर्देश में कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर सर्वोच्च अदालत की अनुमति के बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों पर कोई भी भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए जिससे कि इसका चरित्र बदल जाए।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 11 मार्च के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती देने वाली मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी की याचिका पर आया है। एमपी के धार जिले के भोजशाला परिसर में अदालत की निगरानी में किए जा रहे एएसआई सर्वेक्षण का काम रविवार को नौवें दिन भी जारी रहा। सर्वे में खुदाई के दौरान जमा की गई मिट्टी और पत्थर एएसआई की ओर से सुरक्षित रखे जा रहे थे। सर्वेक्षण का काम 22 मार्च को शुरू हुआ था।

बता दें कि इस प्राचीन परिसर पर हिंदू और मुस्लिम दोनों अपना दावा जता रहे हैं। हिंदू भोजशाला को वाग्देवी यानी सरस्वती का मंदिर मानते हैं जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है। एएसआई की ओर से सात अप्रैल 2003 को जारी किए गए आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति दी गई है। वहीं मुस्लिम पक्ष हर शुक्रवार इस जगह पर नमाज अदा करता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ‘हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस’ की याचिका पर एएसआई को वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था।

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