लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न दलों में सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है। कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस के बीच बातचीत जारी है। प्रदेश में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं और गुरुवार को नई दिल्ली में दोनों दलों के बीच पहले दौर की बातचीत हुई है।बताया जाता है कि भाजपा जेडीएस को तीन सीटें देने की इच्छुक है। वहीं, जेडीएस पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जानकारी के मुताबिक अंतिम फैसला 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद लिया जाएगा।
अमित शाह के घर बैठक
दोनों दलों के बीच पहले दौर की बातचीत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई। बुधवार रात हुई इस बातचीत के दौरान जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी मौजूद थे। वहीं, भाजपा की तरफ से शाह के अतिरिक्त जेपी नड्डा भी थे। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक में 25 सीटें जीती थीं। वहीं, जेडीएस ने सिर्फ एक सीट जीती थी। यह जीत उसे हसन लोकसभा सीट पर मिली थी, जहां से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवीगौड़ा ने जीत हासिल की थी। अब भाजपा ने जेडीएस को हसन और मांड्या की सीट ऑफर की है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जेडीएस के अंदरूनी सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह सीटें वोकालिग्गा समुदाय की दबदबे वाली हैं, जहां पर जेडीएस की पकड़ है।
ऐसी है बातचीत
साल 2019 में मांड्या की सीट पर निर्दल प्रत्याशी सुमनललता अंबरीष ने जीत हासिल की थी। तब यहां पर उन्होंने कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को मात दी थी। तीसरी सीट के रूप में जेडीएस को कोलार, बेंगलुरू ग्रामीण, तुमकुर के बीच से चुनने का विकल्प दिया है। भाजपा द्वारा जो सीटें जेडीएस को आफर की गई हैं वहां पर पार्टी की परंपरागत प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस रही है। जबकि इस क्षेत्र में भाजपा के पास बहुत ज्यादा समर्थन नहीं है। वहीं, जेडीएस पांच सीटों पर लड़कर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन बनाए रखना चाहती है। इसके तहत पार्टी ने भाजपा से उत्तरी कर्नाटक में एक सीट मांगी है। यहां उसका हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में थोड़ा बेस है। इसके अलावा रायचूर में भी उसे एक सीट मिलने की उम्मीद है।