आदि कैलास व्यू पॉइंट से पीएम मोदी ने देखा ‘शिव का घर’, दर्शन के लिए अब नहीं जाना होगा चीन

पीएम नरेंद्र मोदी आज 12 अक्तूबर को उत्तराखंड दौरे पर हैं। उत्तराखंड पहुंचने पर पीएम मोदी सबसे पहले भारत-चीन सीमा पर स्थित पिथौरागढ़ जिले गए। पीएम मोदी ने आदि कैलास के दर्शन कर ध्यान भी लगाया।

इस दौरान, पीएम मोदी ने पार्वती कुंड में भी पूजा-अर्चना भी की। पीएम मोदी ने गुंजी गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात कर उनका द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की भी जमकर सराहना की।

भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवानों के बीच पहुंचकर पीएम मोदी ने उनकी हौसला-अफजाई भी की। आपको बता दें कि आदि कैलास यात्रा के पड़ाव में गुंजी गांव भी पड़ता है। आदि कैलास पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को एक साल पहले तक चीन से होकर गुजरना पड़ता था। लेकिन, अब श्रद्धालु भारत के पिथौरागढ़ जिले से ही आदि कैलास यात्रा पर जा सकते हैं।

आदि कैलास जाने वाले तीर्थ यात्री अब उत्तराखंड के लिपुलेख से यात्रा पर जा सकते हैं। हेलीकॉप्टर से भी अब गुंजी गांव आसानी से पहुंचा जा सकता है। विदित हो कि पिथौरागढ़ में 2021 में शिव महोत्सव का भी आयोजन किया गया था। पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा पर 18 हजार फीट की ऊंचाई पर पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं।

पिथौरागढ़ में स्थित नाभीढ़ांग के ठीक ऊपर 2 किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत आसानी से दिखाई देता है। जबकि, स्थानीय लोगों का मानन है किओल्ड लिपुपास की पहाड़ी के ऊपर पहुंचने पर वहां से कैलाश पर्वत काफी करीब दिखाई देता है। ग्रामीणों की मानें तो ओल्ड लिपूपास पहुंचने के लिए करीब-करीब 2 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जो तीर्थ यात्रियों के लिए मुश्किल भरी हो सकती है।

 पीएम मोदी आदि कैलास पर्वत के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने
देश की आजादी के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलास के दर्शन करने वाले पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। हालांकि, इससे पहले भी वह पिथौरागढ़ जिले में आ चुके हैं। छह साल पहले 2017 में विधानसभा चुनावों के समय जनसभा में पहुंचे थे। प्रधानमंत्री गुरुवार को स्पोर्टस स्टेडियम में विकास कार्यों का शिालान्यास व लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे।

आदि कैलास से जुड़ी मान्यता
देश की आजादी के बाद पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आदि कैलास की यात्रा की। भारत और चीन-नेपात की सीमा पर पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, यह भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। यहां पर मां पार्वती, भगवान गणेश जी, और भगवान कार्तिकेय निवास करते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि इसस पहले भी पीएम मोदी पिथौरागढ़ जिले में भ्रमण कर चुके हैं।

 ओम पर्वत से जुड़ी मान्यता
आदि कैलास रूट पर मुख्य आकर्षण ऊं पर्वत है। इस पर्वत पर ऊं की आकृति उभरी हुई है। समुद्र तल से 6194 मीटर लगभग 20312 फीट की ऊंचाई पर ऊं पर्वत है। मान्यताओं के अनुसार, आठ पर्वतों में ऊं की आकृति उभरी हुई है, लेकिन सिर्फ आदि कैलास रूट पर ही इसकी खोज हो सकी है। मान्यता है बर्फ गिरने के बाद पर्वत से ऊं की ध्वनि निकलती है।

लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं
पिथोरागढ़ के स्थानीय लोगों की बात मानें तो कि ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से हो सकते हैं। ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के करीब से कैलाश पर्वत के दर्शन होने से तीर्थ यात्रियों को काफी आसानी हो सकती है।

ऐसे करें आदि कैलास और ओम पर्वत की यात्रा
-पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से 150 किमी गाड़ी से गुंजी पहुंचे। जौलिड़कांग पहुंच कर होते हैं आदि कैलास दर्शन
-ओम पर्वत के दर्शनों को गुंजी से नाभीढ़ांग तक 30 किमी यात्रा गाड़ी से यात्रा कर होते हैं दर्शन

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