लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक सीटों पर प्रचंड जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक के बाद एक अलग-अलग प्रांतों में बड़ी रैलियां और रोड शो कर जनमत को पक्ष में करने में जी-जान से जुटे हैं।वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पीएम मोदी के मिशन 400 प्लस के टार्गेट को पूरा करने के लिए अनथक प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को बीजेपी के खाते में जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औसतन हर रोज तीन जिलों का दौरा कर रहे हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के बाद देशभर में बीजेपी कैंडिडेट्स के बीच योगी आदित्यनाथ की खासी मांग है।
30 से अधिक प्रत्याशियों के लिए कर चुके हैं प्रचार
योगी आदित्यनाथ अब तक यूपी की 24 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन, जनसभा और रोड शो कर चुके हैं। इसके अलावा रविवार को राजस्थान में तीन बड़ी रैलियों को संबोधित करने के बाद सीएम योगी सोमवार को महाराष्ट्र में भी तीन लोकसभा क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित करने पहुंचे। अब तक 30 से अधिक प्रत्याशियों के लिए योगी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली है। योगी के भाषणों में जहां कांग्रेस और इंडी गठबंधन के कार्यकाल के कारनामों की फेहरिस्त है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के 10 साल के कार्यकाल में हुए देश में बदलाव की गाथा भी मुख्यमंत्री अपनी रैलियों में जनता के बीच बखूबी रख रहे हैं। इसके अलावा योगी जनता को उनके एक वोट की ताकत का भी अहसास करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी योगी आदित्यनाथ को देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ जुट रही है। वहीं प्रत्याशियों में भी योगी को अपने अपने लोकसभा क्षेत्र में बुलाने के लिए होड़ मची हुई है।
यूपी के कायाकल्प ने बदली है योगी की छवि
दरअसल, एक दशक पहले तक जहां देशभर के राज्यों में योगी आदित्यनाथ की छवि फायरब्रांड हिन्दुत्ववादी नेता के रूप में रही है, वहीं बीते सात साल में उत्तर प्रदेश के मुखिया के तौर पर किये गये उनके कार्यों ने उनकी इमेज को बहुआयामी बना दिया है। योगी अब समूचे भारत में एक कुशल प्रशासक के रूप में पहचाने जा रहे हैं। विकास, निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, कानून-व्यवस्था और लोक कल्याणकारी योजनाओं को उत्तर प्रदेश में धरातल पर उतारकर उन्होंने सुशासन के यूपी मॉडल को देशभर के सामने रख दिया है। देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले और संवेदनशील राज्य की बागडोर को बखूबी संभालना ‘ब्रांड योगी’ का रूप ले चुका है।