यूपी के बरेली के एडिशनल सेशंन जज रवि कुमार दिवाकर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सत्ता में जब कोई धार्मिक व्यक्ति बैठता है तो परिणाम अच्छे आते हैं।इसका उदाहरण उन्होंने योगी आदित्यनाथ को बताया। जज ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तुलना दार्शनिक राजा प्लेटो के उस विचार से की, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता का मुखिया एक धार्मिक व्यक्ति होना चाहिए क्योंकि धार्मिक व्यक्ति का जीवन भोग का नहीं बल्कि त्याग और समर्पण का होता है। जज ने कहा, ”इसका उदाहरण हैं महान सिद्धपीठ गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत बाबा योगी आदित्यनाथ जी, जो उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, और उन्होंने उपरोक्त अवधारणा को सच साबित कर दिया है।’
अदालत की सुनवाइयों को कवर करने वाली वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ के अनुसार, जज दिवाकर ने कहा कि अगर कोई धार्मिक व्यक्ति सत्ता के आसन पर बैठता है तो वह बहुत अच्छे परिणाम देता है, जैसा कि दार्शनिक प्लेटो ने अपनी पुस्तक रिपब्लिक में ‘दार्शनिक राजा’ की अवधारणा के बारे में बताया है। प्लेटो ने कहा था कि हमारे नगर-राज्य में तब तक दुखों का कोई अंत नहीं होगा जब तक इसमें कोई दार्शनिक राजा न हो।
बता दें कि जस्टिस दिवाकर ने यह टिप्पणियां साल 2010 में बरेली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में मुस्लिम मौलवी मौलाना तौकीर रजा खान को तलब करने के दौरान कीं। जज ने कहा कि देश में शायद ही कभी दंगा करने वाले मास्टरमाइंड को सजा मिली हो। जज ने यह भी कहा कि यदि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार नहीं होती तो आरोपी मौलाना तौकीर ने बरेली में एक और दंगा भड़का दिया होता।
साल 2022 में जज दिवाकर ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश का बचाव करते हुए जज ने कहा कि उन्होंने जो आदेश पारित किया था, वह कानून के हिसाब से ही किया गया था। जज ने अपने और परिवार की सुरक्षा की चिंता भी जताई। उन्होंने कहा, ”मेरे और मेरे परिवार में डर का माहौल इस तरह का बना हुआ है कि जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। परिवार के सभी लोग सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। घर से निकलने को लेकर भी कई बार सोचना पड़ता है। मेरी मां को मेरी सुरक्षा को लेकर काफी चिंता होती है।”