पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले केंद्र सरकार पर चिकित्सा और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के तहत खर्च होने वाले धन को रोकने का इल्जाम लगाया।
ममता बनर्जी ने कहा केंद्र की सरकार ने इसलिए पैसा रोका है क्योंकि वह स्वास्थ्य केंद्रों को भी भगवा रंग से रंगना चाहती है। बता दें ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए केंद्रीय धन जारी करने की मांग को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात करने वाली हैं।
ममता बनर्जी ने कोलकाता हवाई अड्डे पर मीडिया से कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझे 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे मिलने का समय दिया है। उन्होंने (केंद्र) स्वास्थ्य विभाग के लिए फंड रोक दिया है। वे चाहते हैं कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को भगवा रंग में रंग दिया जाए। हमें ऐसा क्यों करना चाहिए? नीला और सफेद हमारे राज्य का आधिकारिक रंग है। ये राजनीतिक रंग नहीं हैं।”
बता दें बंगाल में सभी सरकारी इमारतों, पुलों और यहां तक कि सड़क के डिवाइडरों को नीले और सफेद रंग से रंगा जाता है। निजी भवनों के मालिकों को इन रंगों का उपयोग करने पर संपत्ति कर में कटौती की पेशकश की जाती है। भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा, “क्या हमें हर जगह बीजेपी का रंग इस्तेमाल करना होगा? वे तय करेंगे कि लोग क्या पहनेंगे, क्या खाएंगे? हम अपनी आवाज उठा रहे हैं और हम इन मुद्दों को उठाएंगे।”
बनर्जी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए, बंगाल भाजपा के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, “अगर वह भाजपा को भगवा रंग में देखती हैं तो कल वह रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ भी यही आरोप लगा सकती हैं। केंद्र पूरे काउंटी में स्वास्थ्य सेवाओं में एकरूपता चाहता है और यह इमारतों के रंग तक सीमित नहीं है। केंद्र ने सख्त दिशानिर्देश और नियम भी तय किए हैं।”
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि वह 19 दिसंबर को दिल्ली में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेंगी। उन्होंने कहा, “उन्होंने (केंद्र ने) 11,00,000 घरों को मंजूरी देने के बाद ‘बांग्लार बाड़ी आवास योजना’ के लिए धन रोक दिया। वे हमें जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का हमारा हिस्सा नहीं दे रहे हैं। इन पर चर्चा के लिए मैं पहले भी प्रधानमंत्री से मिली थी। अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली में आंदोलन किया। मैंने राज्य विधान सभा में आंदोलन किया।”