अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य जोरों पर है। चंद्रकांत सोमपुरा के डिजाइन के मुताबिक ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। 34 साल की डिजाइनिंग के बाद उनका सपना सच हो रहा है।1989 में चंद्रकांत ने राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया था, तब मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। नतीजा ये हुआ कि चंद्रकांता द्वारा बनाया गया डिजाइन केवल झांकियों की तक ही सीमित रहा। हालांकि, करीब तीन दशक के इंतजार के बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य उसी डिजाइन के मुताबिक आगे बढ़ रहा है।विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन प्रमुख अशोक सिंघल पहले चंद्रकांत को अयोध्या ले गए। उन्हें राम मंदिर के डिजाइन की जिम्मेदारी भी दी गई थी। अशोक सिंघल के निर्देशानुसार चंद्रकांत ने 1989 में राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया। 1990 के दशक की शुरुआत में, इलाहाबाद के कुंभ मेले के कुछ साधुओं ने डिजाइन पर मुहर लगाई।
कदमों से मापी थी जमीन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रकांत ने कई साल पहले अशोक सिंघल के साथ उस जगह का दौरा किया था जहां अब मंदिर बन रहा है। लेकिन उन्हें जमीन मापने का टेप लेकर वहां प्रवेश नहीं करने दिया गया। टेप के अभाव में चंद्रकांत ने पैरों से मापकर पूरी जमीन का अनुमानित सर्वेक्षण किया। यह डिजाइन उसी अवधारणा पर आधारित है। हालांकि, चंद्रकांत ने मंदिर के लिए एक नहीं बल्कि कई डिजाइन बनाए।
कई बार डिजाइन में हुआ सुधार
डिजाइन बनाने के बाद, चंद्रकांत उन्हें अशोक सिंघल और विश्व हिंदू परिषद के बाकी लीडरों के पास ले गए। उसके बाद एक लकड़ी का मॉडल बनाया गया और कुंभ मेले में आने वाले संतों को यह संरचना दिखाई गई। साधुओं द्वारा हरी झंडी देने के बाद ही उनके डिजाइन को मंजूरी दी गई। उसके बाद तीस साल का लंबा इंतजार किया गया। आखिरकार, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा होने वाला है। इसे चंद्रकांत के डिजाइन के अनुसार बनाया गया है लेकिन उस डिजाइन में कई बार सुधार किया गया।
चंद्रकांत ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर का डिजाइन बदल दिया गया है। यह योजना से लगभग दोगुना हो गया। चंद्रकांत की डिजाइन के आधार पर बिल्डर दिन-रात पत्थर तराशकर मंदिर बनाने में जुटे हुए हैं।” नवंबर 2019 में चंद्रकांत ने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत पत्थर की नक्काशी पूरी हो चुकी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एक बार मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद 24 से 30 महीने के भीतर मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
चंद्रकांत सोमपुरा के पिता डिजाइन कर चुके हैं सोमनाथ मंदिर
चंद्रकांत के पिता भी एक वास्तुकार थे। चंद्रकांत के पिता प्रभाकर सोमपुरा ने सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था, जो आज गुजरात में स्थित है। इसके अलावा प्रभाकर ने कई मंदिरों को डिजाइन किया। चंद्रकांत अपने पिता के नक्शेकदम पर चले। चंद्रकांत अपने बेटे आशीष के साथ अब तक 131 मंदिर डिजाइन कर चुके हैं। इनमें गांधीनगर में स्वामीनारायण मंदिर, पालनपुर में अंबाजी मंदिर और कई अन्य मंदिर शामिल हैं।