यूपी में फर्जी स्कूलों के बाद अब फर्जी कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी है। इसके लिए सरकार ने सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) से उनके क्षेत्र में चल रहे सभी छोटे-बड़े कोचिंग संस्थानों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बकायदा एक प्रोफार्मा भेजकर सभी डीआईओएस एक सप्ताह के भीतर सभी सूचनाएं भेजने के निर्देश दिए हैं।
पिछले महीने बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से फर्जी स्कूलों के विरुद्ध अभियान चलाया गया था। जितने नए फर्जी स्कूल पकड़े गए उस पर जुर्माना किया गया जबकि पूर्व में पकड़े गए ऐसे फर्जी स्कूल जो फिर से खुल गए थे, उन पर जुर्माने के साथ उसके प्रधानाध्यापक एवं प्रबन्धन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। कई स्कूल सील भी किए गए। इस कार्रवाई के बेहतर परिणाम को देखते हुए सरकार ने फर्जी कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने का निर्णय किया है। इसके लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों के डीआईओएस को पत्र भेजकर उनसे पूछा गया है कि उनके अपने जिले में पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की संख्या क्या है और उनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है।
पत्र के साथ प्रोफार्मा भेजकर मांगी गई है विस्तृत जानकारी
डीआईओएस को भेजे पत्र के साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एक प्रोफार्मा भी भेजा है, जिसमें क्रमवार जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रोफार्मा में क्रम संख्या के बाद जिले में पंजीकृत अथवा रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थानों की संख्या, कोचिंग संस्थानों में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या, निरीक्षण किए गए कोचिंग संस्थानों की संख्या, अवैध कोचिंग संस्थानों की संख्या तथा अवैध कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध अब तक की गई कार्रवाई का विवरण भरकर शिक्षा निदेशालय भेजने को कहा गया है।
विवरण एकत्र होने के बाद चलेगा अभियान
अवैध कोचिंग संस्थानों के बारे में प्रदेश भर से व्यौरा प्राप्त हो जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रदेशव्यापी अभियान चलाएगा। जानकारों का कहना है कि गोपनीय सूत्रों के माध्यम से सरकार के पास अवैध कोचिंग संस्थानों के बारे में पहले से ही काफी सूचनाएं प्राप्त हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों की टीम से जांच कराकर कुछ और विवरण एकत्र कराया जा रहा है। इसके बाद कार्यवाही की जाएंगी।