यूपी के लोगों को योगी सरकार देगी यश भारती की तर्ज पर 11 लाख रुपये का उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान

प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार के यशभारती सम्मान की तर्ज पर अब भाजपा सरकार भी देश-विदेश में प्रदेश का नाम रौशन करने वाली विभूतियों को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजेगी। प्रदेश शासन के अनुसचिव रघुनाथ प्रसाद वर्मा की ओर से इस नई सम्मान योजना के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई।

योजना के तहत चार विभूतियों को क्रमश: 11-11 लाख रुपये की राशि के सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। आगामी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ इस नई पुरस्कार योजना की शुरुआत करते हुए चार विभूतियों को सम्मानित कर सकते हैं।

How To Apply For Uttar Pradesh Gaurav Samman, Applications Eligibility Rules Prize Money: यूपी सरकार के उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन करने की पात्रता, नियम और तरीके उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। 2023-24 के लिए आवेदन सरकार ने लेना शुरू कर दिया है जिसकी अंतिम तारीख 10 नवंबर है। यूपी गौरव सम्मान की जानकारी के लिए सरकार की वेबसाइट पर जा सकते हैं- https://upculture.up.nic.in/hi/gauravsamman

उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान योजना के लिए जारी शासनादेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के ऐसे ख्यातिलब्ध महानुभावों जिन्होंने विभिन्न विधाओं और कार्यक्षेत्रों जैसे-कला एवं संस्कृति, कृषि, उद्यमिता, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, साहित्य, शिक्षा, खेल, समाजसेवा, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, ग्राम्य विकास आदि में व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्टता के नए आयम स्थापित किए हों। साथ ही इन नए उत्कृष्ट आयामों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव हासिल किया गया हो, उन्हें उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। इस सम्मान के लिए नामित व्यक्ति को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।

विभिन्न विधाओं, कार्यक्षेत्र के ऐसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त महानुभाव जिन्होंने अपनी प्रतिभा, दीर्घ साधना के आधार पर श्रेष्ठ उपलब्धि हासिल की हो। जिन्होंने देश-विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया हो। राज्य सरकार या केंद्र सरकार से पूर्व में किसी अन्य राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार या सम्मान प्राप्त विभूतियों को इस सम्मान योजना की पात्रता परिधि में नहीं रखा जाएगा।

योजना के तहत हर साल संस्कृति निदेशक द्वारा निर्धारित प्रारूप पर डीएम से नामांकन प्राप्त किये जाएंगे। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों व विधाओं से संबंधित नामांकन संबंधित विभागीय सचिव/प्रमुख सचिव के माध्यम से और मान्यता प्राप्त संगीत, नृत्य, नाटक, फिल्म व मीडिया की शिक्षण तथा प्रदर्शन संस्थानों व अन्य स्रोतों से प्राप्त नामांकन भी प्राप्त किये जा सकते हैं। प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर चयन समिति गठित कर नाम प्रस्तावित कर सकता है।

इन श्रेणियों में से चयनित होंगी विभूतियां
-शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत (गायन, वादन, नृत्य)
-ललित कला, नाट्य विधा, फिल्म व मीडिया
-समाज सेवा, युवा कल्याण, समाज कल्याण, महिला एवं दिव्यांगजन कल्याण
-कृषि, उद्यान, दुग्ध विकास, गौसेवा, पशुपालन, वन एवं वन्यजीव तथा पर्यावरण संरक्षण
-उद्यमिता, कौशल विकास, रोजगार सृजन, स्वावलम्बन
-अन्य क्षेत्रों जैसे शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, प्रोद्योगिकी, खेल आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान
करने वाली विभूतियों जिन्हें स्क्रीनिंग कमेटी सुपात्र समझे।

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