योगी कैबिनेट ने मंगलवार को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए होने वाली मनमानी पर लगाम लगाने के लिए स्टांप विभाग के प्रस्ताव समेत कई फैसलों पर मुहर लगा दी है। अब पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कोई बिल्डर या प्रॉपर्टी डीलर खरीद फरोख्त नहीं कर सकेंगे।केवल ब्लड रिश्तों के अलावा पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाने पर अब स्टांप लगेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट स्कीम समेत 19 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।इसके साथ ही धार्मिक व सांसकृतिक स्थलों के लिये वंदन योजना लागू होगी। इसके लिए 50 करोड़ की व्यवस्था होगी। यूपीडा एक्सप्रेस के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करेगा। कैबिनेट ने इसके लिये 3000 करोड़ खर्च को मंजूरी दे दी है। सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति भी तीन साल बढ़ा दी गई है। अब 62 की जगह डॉक्टर 65 साल में रिटायर होंगे।इसके अलावा 3 से 6 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्म पका भोजन मिलेगा। रोड सेफ्टी के लिये योगी कैबिनेट ने फैसला लिया है कि अब सड़क हादसे में 3 से ज्यादा मृत्यु होने पर दुर्घटना की जांच एक कमेटी करेगी। इसमें सही इलाज व उचित मुआवजा मिलेगा। लखनऊ, प्रयागराज आगरा समेत 5 बस अड्डे का जल्द शिलान्यास होगा। इसके अलावा 18 अन्य बस स्टेशन भी आधुनिक होंगे। यह बस अड्डे एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होंगे।
डाक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा हुयी 65 साल
उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 65 वर्ष करने का फैसला किया है मगर प्रशासनिक सेवा में तैनात चिकत्सिकों को 62 वर्ष की आयु में ही रिटायर किया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने चिकत्सिकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 65 वर्ष करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
प्रस्ताव के तहत सरकारी अस्पताल,मेडिकल कालेज व अन्य संस्थानों में तैनात चिकत्सिक अब 65 वर्ष तक अपनी सेवायें दे सकेंगे। हालांकि मुख्य चिकत्सिाधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी,मुख्य चिकत्सिा अधीक्षक जैसे प्रशासनिक पदों पर तैनात चिकत्सिकों को पहले की भांति 62 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त समझा जायेगा।
उन्होंने बताया कि यदि कोई चिकत्सिक 62 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्ति लेना चाहता है तो उसे ऐसा करने की अनुमति होगी मगर इसके लिये उसे स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये आवेदन करना होगा। इसी प्रकार प्रशासनिक पद पर तैनात चिकित्सक यदि 65 वर्ष की आयु तक सेवा देना चाहता है तो उसे प्रशासनिक पद का त्याग करना होगा।
प्राथमिक स्कूलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अब मिलेगा गर्म पका भोजन
प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले तीन साल से छह साल की उम्र तक के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाएगी। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा इन बच्चों को पहले गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता था मगर पिछले कुछ वर्षों से यह सिलसिला कई कारणों से ठप हो गया था।
कैबिनेट से हुए निर्णय के अनुसार अब इन बच्चों को जो गर्म पका हुआ भोजन दिया जाएगा उसका मेन्यू मिड डे मील योजना की ही तरह रहेगा। प्रस्तावित योजना के तहत इस पर आने वाले खर्च का पचास प्रतिशत राज्यांश और पचास प्रतिशत केन्द्रांश रहेगा।
योजना की मानीटरिंग राज्य व जिले के स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना से राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तीन से छह साल तक की उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार आएगा।
एक्सप्रेसवे के किनारे 3000 करोड़ से होगा औद्योगिक गलियारों का विकास
यूपी के पांच एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले औद्योगिक गलियारों के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए योगी सरकार ने 3000 करोड़ रुपये खर्च करने को मंजूरी दे दी। इन रकम से वेयरहाउस व लाजिस्टिक हब भी बनाए जाएंगे। यह रकम यूपीडा को दी जाएगी। चूंकि यूपीडा के पास पर्याप्त वित्तीय स्त्रोत नहीं है। यूपीडा द्वारा केवल 50 प्रतिशत खर्च ही उठाना संभव है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार पर आने वाला व्यय भार ऋण के रूप में होगा। इसमें केंद्र द्वारा ऋण शामिल नहीं है।
इस परियोजना से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे औद्योगिक शहर या केंद्र विकसित करने में मदद मिलेगी। हाल में यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक शहर विकसित करने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे व पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के कुछ गांवों को अधिसूचित किया था। लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए कुछ गांव अधिसूचित होंगे।