लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं को रोजगार देने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से 33 लाख नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी मिलेगी।इनके जरिए यह उद्योग जहां भी लगेंगे, वहां सड़क बनेगी, बिजली मिलेगी, पेयजल की व्यवस्था होगी। नए रोजगार सृजित होंगे। आवासीय सुविधाएं भी विकसित होंगी। टैक्सी सर्विस की मांग बढ़ेगी। इस तरह विकास का एक चक्र चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें गुरुवार को लोकभवन में हुए इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण के कर्टेन रेजर सेरेमनी के आयोजन में कहीं। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक आस्थानों और ओडीओपी सीएफसी की 13 परियोजनाओं का शुभारंभ किया। साथ ही विभिन्न जनपदों के परंपरागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री यूपी की चौथी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर एक ही दिन में 10 लाख करोड़ की योजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी से निर्यात 86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग दो लाख करोड़ रुपये हो गया।
हमने यूपी को बीमारू मानसिकता से उबारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य बनाना एक राजनीतिक मानसिकता थी, जिसे खत्म करके हमने इसे देश की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाया है। प्रदेश में परंपरागत कारीगर, शिल्पकार और युवा उद्यमी जो पहले निराश था आज उसके चेहरे पर उत्साह दिखता है। उत्तर प्रदेश की ओडीओपी योजना आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बन चुकी है।
इंटरनेशनल ट्रेड शो का द्वितीय संस्करण 25 सितंबर से
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में बीते वर्ष ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हुआ था। पहली बार 500 से अधिक विदेशी बायर्स, 70 हजार से लोग उसमें सहभागी बने और 3 लाख लोगों का फुट फॉल हुआ। उन्होंने बताया कि फिर से 25 से 29 सितंबर के बीच ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण का आयोजन होगा। इसके जरिए एक बार फिर यूपी अपनी क्षमता का प्रदर्शन वैश्विक समाज के सामने करने जा रहा है।
ओडीओपी देश में यूनीक योजना
सीएम योगी ने कहा कि यूपी के हस्तशिल्पी, कारीगर और युवा उद्यमियों के पास क्षमता थी लेकिन उन्हें शासन के प्रोत्साहन और प्लेटफार्म की आवश्यकता थी। प्रदेश में हजारों साल से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की अनेक इकाइयां मौजूद थीं, लेकिन लगातार सरकारी उपेक्षा और इंस्पेक्टर राज के कारण इसके उद्यमी त्रस्त और पलायन को मजबूर थे। 2018 में हमने ओडीओपी योजना को शुरू किया, जिसके बाद परंपरागत उद्यम को मार्केट देने, टेक्नोलॉजी प्रदान करने का कार्य शुरू हुआ। परिणाम स्वरूप आज यूपी की ओडीओपी देश में यूनीक योजना बन चुकी है। ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बन चुकी है, जिस पर यूपी को गौरव है। इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार, एसीएस अमित मोहन प्रसाद, इंडिया एक्सपो मार्ट के अध्यक्ष राकेश कुमार, विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और प्रदेश भर से आए हस्तशिल्पी, कारीगर और युवा उद्यमी मौजूद रहे।
13 परियोजनाओं का हुआ शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एमएसएमई क्लस्टर पार्क योजना के तहत रायबरेली, मऊ, प्रतापगढ़ और महोबा में औद्योगिक अस्थानों का शिलान्यास, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड एक्सपोर्ट स्कीम के तहत गोमती नगर लखनऊ में ट्रेड प्रमोशन सेंटर का शिलान्यास, खाद्य एवं प्रसंस्करण के तहत कौशाम्बी में केला और गोण्डा में दाल एवं मक्का में ओडीओपी सीएफसी परियोजनाओं का शिलान्यास, मिनी औद्योगिक अस्थान बिल्हौर कानपुर नगर, बछरावां रायबरेली और अयोध्या का उच्चीकरण, जिला उद्योग केंद्र कौशाम्बी, अमेठी और वाराणसी के नवीन भवनों का शिलान्यास किया।
श्रमसाधकों का हुआ सम्मान
सीएम योगी ने अपने हुनर से अपना स्थान बनाने वाले श्रमसाधकों का भी सम्मान किया। इसमें विश्वकर्मा श्रम सम्मान के अंतर्गत बाराबंकी के राहुल (नाई), लखनऊ से निधि मल्होत्रा (दर्जी), सीतापुर के फिरोज अहमद (मोची) को सम्मानित किया गया। ओडीओपी प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के तहत रायबरेली के रंजीत कुमार (काष्ठ कार्य), लखनऊ की सरिता भारती (चिकनकारी), हरदोई की प्रतिभा यादव (वस्त्र उत्पाद) का सम्मान किया। यूपी माटी कला पुरस्कार के अंतर्गत गोरखपुर के कृष्ण कुमार प्रजापति (टेराकोटा), आजमगढ़ की पुष्पा प्रजापति (ब्लैक पॉटरी), सोनभद्र के धर्मु (मृदुभांड और नक्काशीदार फूलदान) का सम्मान किया। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अंतर्गत राज्यस्तरीय ग्रामोद्योगीय पुरस्कार से लखनऊ की शबाना खातून, मेरठ के शीषपाल, अमरोहा के कृष्णपाल को सम्मानित किया।