जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने के मामले में सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार को कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने आजम समेत 14 लोगों के खिलाफ गुरुवार को आरोप तय किए हैं।अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है। सपा नेता आजम खां के खिलाफ 2019 में कई मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें शत्रु संपत्ति कब्जाने का भी मामला है, जो अजीमनगर थाने में दर्ज हुआ था। इसमें शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने का आरोप है।जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन जौहर ट्रस्ट करता है। इसके चलते पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जौहर ट्रस्ट के चेयरमैन आजम खां समेत अन्य सदस्यों को नामजद किया था। पुलिस ने जांच पूरी कर कोर्ट में आजम खां के साथ ही उनके बड़े बेटे अदीब आजम, छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा, चमरौआ से विधायक नसीर अहमद खां, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम, मुख्तार अहमद सिद्दीकी, निकहत अफलाक, याहूदा मान सिद्दीकी, वसीम रिजवी समेत 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए थे।इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। जहां आज सीतापुर जेल से मोहम्मद आजम खां, हरदोई जेल से अब्दुल्ला आजम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। जहां मोहम्मद आजम खां, मसूद खां उर्फ गुड्डू, तजीन फातिमा, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां, नसीर अहमद खां, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, निकहत अफलाक, अदीब आजम खां, जेड आर सिद्दीकी, मोहम्मद फसीह जैदी, सैयद गुलाम सैय्यादेन रिजवी, रहमत हुसैन जैदी, सैयद वसीम रिजवी और उवैद उल हक पर आरोप तय किए गए।वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया, अभिलेखों में हेराफेरी कर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने के मामले में मोहम्मद आजम खां समेत 14 आरोपियों पर आज कोर्ट में चार्जफ्रेम किए गए हैं। केस की अगली सुनवाई आगामी 23 फरवरी को होगी।