वेस्ट यूपी की 14 में से आठ सीटों पर पुरानों पर जताया भरोसा, नहटौर विधायक को भी भाजपा ने दिया एमपी का टिकट

भाजपा ने पश्चिम क्षेत्र की 14 में से आठ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा में पुराने लोगों पर ही भरोसा जताया है। मुजफ्फरनगर की सीट भाजपा ने अपने पास ही रखी है। रालोद को यही सीट नहीं दी गई है।केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान समेत चार सांसदों को तीसरी बार मैदान में उतारा गया है। वहीं, नहटौर विधायक ओम कुमार पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। नये राजनीतिक समीकरणों के बीच भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहली सूची में ज्यादा फेरबदल नहीं की है। बरसों से भाजपा का साथ देने वालों पर फिर भरोसा जताया गया है, भले ही पिछले चुनाव में हार-जीत का अंतर कुछ भी रहा हो। कैराना, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर की सीटें इसमें शामिल हैं।कैराना सीट से दूसरी बार लोकसभा प्रत्याशी बने प्रदीप चौधरी भाजपा के काफी भरोसेमंद नेता हैं। वह तीन बार गंगोह से विधायक बने। 2019 में विधायक रहते हुए उन्हें कैराना से लोकसभा का टिकट दिया गया है और सांसद बने। इस बार दूसरी बार उन्हें लोकसभा का टिकट दिया गया है।

मुजफ्फरनगर का पेच खत्म

रालोद और एनडीए की दोस्ती के साथ ही सबसे अधिक मुजफ्फरनगर की सीट को लेकर चर्चाएं गरम थीं। रालोद का दावा इस सीट को लेकर भी था क्योंकि पिछली बार यहां से चौधरी अजित सिंह चुनाव लड़े थे। मुजफ्फरनगर से डा.संजीव कुमार बालियान 2014 में पहली बार सांसद बने थे और केन्द्रीय मंत्री बनाया गया था। 2019 में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ.अजित सिंह को हराकर दूसरी बार सांसद बने और केन्द्र में फिर मंत्री बने। अब तीसरी बार भी पार्टी ने भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। संजीव बालियान के टिकट के पीछे बालियान खाप की भूमिका भी मानी जा रही है। संजीव बालियान इसी खाप से जुड़े हैं।

सभी सीटों पर पुराने

बुलन्दशहर सीट से डा.भोला सिंह 2014, 2019 में भी सांसद बने। अब 2024 में तीसरी बार भाजपा ने मौका दिया है। उधर, रामपुर सीट पर घनश्याम लोधी को दूसरी बार फिर मैदान में उतारा गया है। वे उपचुनाव में सांसद बने थे। संभल सीट पर परमेश्वर लाल सैनी को भी दूसरी बार मौका दिया गया है। 2019 में चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी भाजपा ने भरोसा जताया है। यूं प्रमोद कृष्णम् को लेकर भी चर्चाएं चल रही थी।

अमरोहा सीट पर पूर्व सांसद कंवर सिंह तंवर को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है। वे 2014 में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2019 में वे बसपा के दानिश अली से हार गए थे। अब तीसरी बार उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है। गौतमबुद्धनगर सीट पर डा.महेश शर्मा को लगातार तीसरी बार उतारा गया है। वह 2014 और 2019 में भी भाजपा के टिकट पर ही सांसद बने। इस तरह भाजपा ने पुराने लोगों पर भरोसा जताया है।

रालोद को अब कौन सी सीट मिलेंगी…

मेरठ, बागपत, बिजनौर, सहारनपुर की सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित होना बाकी है। इसमें से सहारनपुर और बिजनौर की सीटें बसपा के पास हैं। दूसरी सूची के बाद ही पता चलेगा कि रालोद को भाजपा कौन सी और कितनी सीटें देती है। वैसे, सियासी संभावना बागपत और बिजनौर को लेकर ज्यादा है।

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