स्पीकर के फैसले के बाद ठाकरे को चिढ़ाने लगा शिंदे कैंप, भाजपा भी एक्शन के मूड में

हाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर रावुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के गुट के विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में फैसला सुना दिया है। स्पीकर का फैसला उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ गया है।

इसकी घोषणा के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ठाकरे गुट पर हमलावर हो गई है। वहीं, शिंदे कैंप ने ठाकरे परिवार के घर मातोश्री के बागर बैनर लगाया है। इसमें शिंदे को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा का सच्चा उत्तराधिकारी करार दिया है।

इस बीच खबर आ रही है कि भाजपा विधायक राज्यसभा सांसद और ठाकरे गुट के नेता संजय राउत और विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दायर करने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि बुधवार शाम स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ठाकरे गुट को चिढ़ाने लगे। बांद्रा पूर्व के कलानगर इलाके और इसके आसपास के इलाकों में शिंदे गुट ने ठाकरे को चिढ़ाते हुए बैनर लगाए। इसमें दावा किया गया कि शिंदे पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा के असली उत्तराधिकारी हैं। आपको बता दें कि इसी इलाकें में उद्धव ठाकरे रहते हैं।

दूसरी ओर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि वह ठाकरे कैंप के सांसद संजय राउत और विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दायर करेंगे। उन्होंने कहा, “संजय राउत और आदित्य ठाकरे दोनों ने स्पीकर के फैसले पर टिप्पणी करते हुए राज्य विधानमंडल के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। यह राज्य विधानमंडल का अपमान है। इसलिए मैं संजय राउत और आदित्य ठाकरे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दायर करने जा रहा हूं।”

शिंदे गुट ही असली शिवसेना : राहुल नार्वेकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को कहा कि एकनाथ शिंदे नीत गुट ही असली शिवसेना है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़े द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह बात कही। राहुल नार्वेकर ने कहा, 21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूहों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे। जबकि एकनाथ शिंदे गुट के भरत गोगावले अधिकृत सचेतक हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिवसेना के प्रमुख के पास किसी भी नेता को पार्टी से हटाने की शक्ति नहीं है। निर्वाचन आयोग को सौंपा गया 1999 का पार्टी संविधान मुद्दों पर फैसला करने के लिए वैध संविधान था। उन्होंने कहा कि इस संविधान के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी सर्वोच्च निकाय है।

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