पिछले हफ्ते सहारा प्रमुख सुब्रत राय (Subrata Roy) का निधन हो गया। जिसके बाद एक बार फिर से यह सवाल तैरने लगा कि लाखों निवेशकों के पैसों का क्या होगा? मिलेंगे या डूब जाएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट के दावा रहित फंड को कंसोलिडेटेड फंड में ट्रांसफर करने पर विचार किया जा रहा है।
सरकार इस पर कानूनी सलाह ले रही है। जिससे आने वाले समय में जब कोई निवेशक फंड पर दावा करे तो उसे पैसा वापस लौटाया जा सके। बता दें, इस साल 31 मार्च तक 48,326 खातों को 138 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया था। सहारा ग्रुप से कुल 25,163 करोड़ रुपये वसूले गए थे। जिसे सरकारी बैंकों में जमा कराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा था
2012 में मार्केट रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी ने अपने आदेश में सहारा ग्रुप की कंपनियों को निवेशकों का पैसा ब्याज सहित वापस लौटाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर सत्यापन के बाद भी एक या उससे अधिक निवेशक की पहचान नहीं हो पाती है तो ऐसे फंड को सरकार के पास जमा कर दिया जाएगा।
लॉन्च हुआ है रिफंड पोर्टल
एक लम्बे कानूनी लड़ाई की जीत के बाद भी अभी बड़ी संख्या में दावेदार सामने नहीं आए हैं। ईटी से बातचीत करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि दावा रहित पैसों का उपयोग वेलफेयर स्कीम के लिए किया जा सकता। बता दें, इसी साल केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की तरफ से सहारा निवेशकों को रिफंड के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया गया था।
9 महीने के अंदर ट्रांसफर करना है पैसा
इस साल के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कॉपरेटिव सोसाइटिज के सेंट्रल रजिस्ट्रार को 5000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए थे। ये पैसे योग्य निवेशकों को वापस लौटाए जाने हैं। नए आदेश के अनुसार इन पैसों को निवेशकों के खाते में 9 महीने के अंदर ट्रांसफर किया जाना है। अगर ऐसा नहीं होता है तो पैसा फिर से सहारा-सेबी रिफंड खाते में भेज दिया जाएगा।
सहारा पोर्टल से रिफंड पाने का तारीका
निवेशकों को ध्यान रखना है कि आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव हो। अगर आधार से जुड़ा नंबर आपने बदल दिया है तो नए नंबर को आधार से जोड़ लें। साथ ही आपका बैंक अकाउंट आधार नबंर से कनेक्ट होना चाहिए। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया था कि इन डॉक्यूमेंट सहारे कोई भी निवेशक पोर्टल पर जाकर अपनी रसीद अपलोड करके रिफंड वापस पा सकेगा। बता दें, पोर्टल पर एक फॉर्म दिया गया है निवेशकों को उसे डाउनलोड करने के बाद पूरी जानकारी देते हुए अपने सिग्नेचर के साथ उसे पोर्टल पर फिर से अपलोड करना होगा।