लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ा झटका

ने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगने वाला है। यहां पर मिलिंद देवड़ा के पार्टी से इस्तीफा देने की अफवाहें तेज हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के संपर्क में हैं।

आने वाले दिनों में वह कांग्रेस छोड़कर शिवसेना का दामन थाम सकते हैं। हालांकि देवड़ा ने इन बातों को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह पार्टी से इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं।

ठाकरे गुट का दावा
असल में पूर्व केंद्रीय मंत्री आने वाले लोकसभा चुनाव में मुंबई दक्षिणी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उधर उद्धव ठाकरे के शिवसेना (यूबीटी) भी इस सीट पर दावा ठोक रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस यह सीट ठाकरे गुट को देने पर सहमत है। इस बात ने मिलिंद देवड़ा को अपसेट कर रखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस का शिवसेन (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ गठबंधन है। आने वाला लोकसभा चुनाव तीनों दल महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के बैनर तले लड़ना चाहते हैं। सीट शेयरिंग फॉर्मूला के तहत शिवसेना यूबीटी को मुंबई साउथ की सीट मिलने वाली है। हाल में नई दिल्ली में तीनों दलों की बैठक के दौरान इसी बात पर चर्चा हुई थी। बता दें कि शिवसेना के अरविंद सावंत बीते दो चुनाव से यहां पर जीतते आ रहे हैं।

देवड़ा का इनकार
उधर मिलिंद देवड़ा ने कहा कि मैं कोई पार्टी जॉइन नहीं करने जा रहा, यह महज अफवाह है। इन बातों का कोई सिर-पैर नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस नेतृत्व पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उठाई जा रही चिंताओं को जरूर समझेंगे। देवड़ा के करीबी एक कांग्रेस नेता ने कहा कि वह शिवसेना को सीट जाने को लेकर डिस्टर्ब हैं। वह जिस सीट से आम चुनाव लड़ना चाहते हैं, पार्टी उसे सहयोगी दल के लिए छोड़ना चाहती है। इस पर देवड़ा ने कहा कि दक्षिणी मुंबई और अन्य सीटों पर जो कुछ हो रहा है मैं उससे खुश नहीं हूं। उन्होंने सहयोगी दलों के रवैये पर भी नाखुशी जाहिर की। देवड़ा ने कहा कि हालांकि मुझे भरोसा है कि केंद्रीय नेतृत्व कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेगा।

अजित पवार से भी चर्चा की अफवाह
इससे पूर्व ऐसी अफवाहें थीं कि 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिणी सीट से सांसद रह चुके पूर्व मंत्री डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ चर्चा में हैं। सत्ताधारी गठबंधन में इस सीट पर भापजा और शिंदे गुट वाली शिवसेना दोनों दावा कर रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयवंतीबेन मेहता इस सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि शिवसेना कहना है कि उसने 2019 में यह सीट भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए जीती थी। ऐसे में यहां पर उसका दावा है।

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