राम मंदिर की सुरक्षा भारतीय एजेंसियों के लिए एक अहम सवाल है। अयोध्या में मंदिर की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों की भी तैनाती की गई है। इस बीच राम मंदिर की वेबसाइट की सुरक्षा करने की चुनौती भी सामने है।दरअसल जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान तो राम मंदिर की वेबसाइट को हैक करने की कोशिश भी की गई थी, जिसे सरकार के साइबर विभाग ने असफल कर दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में कई बार पाकिस्तान और चीन के हैकरों ने यह कोशिश की थी कि राम मंदिर की साइट को हैक कर लिया जाए या फिर ठप करा दिया जाए। लेकिन साइबर सेल की सतर्कता के चलते ऐसा नहीं हो सका।
पूरे मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि राम मंदिर की वेबसाइट के अलावा प्रसार भारती की साइट भी हैकरों के निशाने पर रही। इसके अलावा यूपी सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कुछ अहम साइट्स को भी हैकर टारगेट करना चाहते थे। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पहले ही यह अनुमान लगा लिया था कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हैकर्स की ओर से साइबर अटैक की कोशिश हो सकती है। इसके चलते टेलिकॉम सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर ने मुस्तैदी बढ़ा दी थी।
उसकी ओर से कुल 264 साइटों की निगरानी बढ़ा दी गई थी ताकि हैकर्स उनमें सेंध न लगा सकें। जिन साइटों की सुरक्षा में इजाफा किया गया था, उनमें राम मंदिर, प्रसार भारती, यूपी पुलिस, एयरपोर्ट, यूपी टूरिज्म और पावर ग्रिड आदि अहम थे। सूत्रों के मुताबिक चीन और पाकिस्तान के कुल 140 संदिग्ध आईपी एड्रेस से राम मंदिर और प्रसार भारती की वेबसाइट्स को टारगेट किया गया था।
कुल 1244 आईपी एड्रेस ब्लॉक करने पर मिली थोड़ी राहत
संदेह होने पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को आदेश दिया गया कि वे इन संदिग्ध आईपी एड्रेसेज की एक्सेस को ब्लॉक कर दें। यही नहीं इसके बाद भी चीन और पाकिस्तान के हैकर्स की संदिग्ध गतिविधियां दर्ज की गईं और फिर कुछ और आईपी एड्रेस ब्लॉक करने पड़ गए। एक अधिकारी ने कहा कि कुल 1244 आईपी एड्रेस ब्लॉक किए गए और उसके बाद साइबर अटैक की घटनाओं में कुछ कमी दर्ज की गई।