अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राम नगरी को सजाया जा रहा है। अयोध्या का नजारा इस समय देखते ही बन रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को कहा कि भगवान राम की उनके ‘पराक्रमी रूप’ और अयोध्या में बन रहे नए मंदिर की आकृति 14 लाख रंगीन दीयों का इस्तेमाल करके बनाई गई है।
कलाकृति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को भी दर्शाया गया है। इन आकृतियों में दीयों का उपयोग करके ‘जय श्री राम’ लिखा हुआ है।
शनिवार शाम अयोध्या पहुंचे चौबे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह कलाकृति बिहार के कलाकारों के एक समूह ने पिछले पांच से सात दिन में बनाई है। मंत्री ने कहा कि श्री राम 14 साल के वनवास के बाद लौटे थे और अयोध्या में, भगवान राम की उनके ‘पराक्रमी रूप’ में एक आकृति बनाई गई थी। यह नए भारत के युवाओं को यह संदेश देने के लिए है कि उन्हें ‘पराक्रमी’ होना चाहिए।
नेपाल के जनकपुर में कई आयोजन होंगे
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले नेपाल के जनकपुर में कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ उत्सव मनाया जाएगा। जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता का जन्मस्थान माना जाता है।सीता का दूसरा नाम जानकी है, जो जनकपुर के राजा जनक की पुत्री थीं। यह काठमांडू से 220 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और अयोध्या से लगभग 500 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने शनिवार को कहा, ”हमारी बेटी, माता जानकी का विवाह भगवान श्री राम से हुआ था। हम बहुत उत्साहित और गौरवान्वित हैं कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। जब भारत के उच्चतम न्यायालय ने (अयोध्या मामले में) अपना अंतिम फैसला सुनाया तो जनकपुर के लोग बहुत खुश थे।”