लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनती तो दिख रही है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
इंडिया गठबंधन को 227 सीटें मिलती दिख रही हैं। मौजूदा लोकसभा में उसके पास 119 सीटें हैं। भले ही इंडिया गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में नहीं दिख रही हो, लेकिन 200 सीटों से अधिक मिलना कांग्रेस के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा के द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा था कि इस चुनाव में कांग्रेस को इतनी भी सीटें नहीं आएंगी कि उसे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद मिल सके। वहीं, अगर रुझान नतीजे में बदलते हैं तो कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का भी पद आसानी से मिल जाएगा। यह पद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों कि सरकार के अधिकांश कामकाज में सीधी दखल होती है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रुझानों पर कहा, “यह न केवल राजनीतिक हार है, बल्कि प्रधानमंत्री के लिए नैतिक हार भी है।”
अब एनडीए की सरकार के लिए संविधान में संशोधन करना बड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि इसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और अधिकांश राज्यों से समर्थन की आवश्यकता होती है। यदि एनडीए नई लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब पहुंचने में विफल रहता है, तो यह भाजपा की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना को भी पटरी से उतार सकता है।
कांग्रेस कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद खान ने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी क्योंकि आपको तेलंगाना और कर्नाटक जैसी कई सरकारों को भंग करना होगा जो अभी अपने कार्यकाल के आधे से भी कम समय में हैं।”
वहीं, उपमन्यु हजारिका ने कहा, “सरकार के लिए संविधान में बड़े संशोधनों को आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल होगा।”