आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होगा या नहीं? इस सवाल का जवाब अब कांग्रेस नेताओं को देना है क्योंकि सपा की ओर से फाइनल ऑफर दिया जा चुका है।सूत्रों के मुताबिक, एसपी ने अपनी ओर से सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत बंद कर दी है। गेंद अब कांग्रेस के पाले में है। कांग्रेस के नेता ही यह तय करेंगे कि सपा का ऑफर स्वीकार किया जाए या फिर नहीं। राहुल गांधी 19 फरवरी को यूपी के अमेठी पहुंचे थे जब अखिलेश यादव की पार्टी ने 17 सीटों का फाइनल ऑफर पेश किया था।
समाजवादी पार्टी की ओर से बातचीत में शामिल नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में हमारा मानना है कि कांग्रेस की ओर से हमारा ऑफर ठुकराया जा चुका है। उन 17 सीटों के नाम हमारे पास हैं और गठबंधन को लेकर पेच कुछ सीटों पर फंसा हुआ है। हालांकि, कांग्रेस नेता यह दावा कर रहे हैं कि अभी तक बातचीत समाप्त नहीं हुई है और उन्हें गठबंधन होने की पूरी उम्मीद है। इस तरह यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन फिलहाल अधर में लटका हुआ है।
अंतिम चरण में सपा के साथ बातचीत: कांग्रेस
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत अंतिम चरण में है और किसी भी समय समाधान निकाल लिया जाएगा। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब ऐसी खबरें आई थीं कि सपा और कांग्रेस के बीच बातचीत पटरी से उतर गई है। वेणुगोपाल ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘बातचीत अंतिम चरण में है, इसे कभी भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। चर्चा हो रही है। कुछ समय इंतजार करिए।’ उनके अनुसार, कांग्रेस की गठबंधन समिति के सदस्य गठबंधन को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
राहुल की यात्रा में शामिल होने पर अखिलेश की शर्त
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर आज शाम तक लखनऊ पहुंच रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यात्रा के लखनऊ पहुंचने से पहले कांग्रेस सपा के बीच सीटों को लेकर आम सहमति बनने की संभावना है। दरअसल, राहुल की यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसमें शामिल होने की बात कही थी, मगर बाद में उन्होने कहा था कि जब तक सीटों को लेकर दोनो दलों के बीच आम सहमति नहीं बनती, तब तक वह यात्रा का हिस्सा नहीं बनेंगे। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा को जिन सीटों पर चुनाव लड़ना है, उसका फैसला लिया जा चुका है।
बिजनौर, सीतापुर समेत इन सीटों पर पेच
इस बीच, सपा सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सपा के जनाधार वाली सीटों की मांग कर रही है जिसमें बिजनौर, सीतापुर, देवरिया, अमरोहा शामिल है। इसके अलावा सहारनपुर, झांसी और मुरादाबाद मंडल की 2 सीटों पर भी आम सहमति नहीं बन पा रही है। बता दें कि इससे पहले सपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को उत्तर प्रदेश में 11 सीट की पेशकश की थी, जबकि कांग्रेस ने अधिक सीट की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक हैं। कांग्रेस ने पिछली बार उत्तर प्रदेश में एकमात्र रायबरेली की सीट जीती थी। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं।