बिहार में नीतीश कुमार द्वारा परिवारवाद पर निशाना साधने के बाद आज पीएम मोदी ने भी यही बातें की। इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है कि क्या परिवारवाद के खिलाफ बीजेपी और जेडीयू की दूर मिट रही है।गौरतलब है कि कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर नीतीश कुमार ने कहा था कि इस महान नेता के पदचिन्हों पर चलते हुए मैंने भी कभी परिवार को बढ़ावा नहीं दिया। वहीं, नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए परिवारवाद को बढ़ावे के खिलाफ बोला।
पीएम मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ‘नमो नवमतदाता सम्मेलन’ को वीडियो के जरिए संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि परिवारवाद ऐसी बीमारी है जो देश के युवाओं को आगे बढ़ने से रोकती है। उन्होंने कहा कि आपने देखा है परिवारवादी पार्टियों में दूसरे युवा कभी आगे नहीं बढ़ पाते। परिवारवादी पार्टियों के नेताओं की सोच युवा विरोधी होती है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि उसने देश के युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना दिया था। इसलिए आपको अपने वोट की ताकत से ऐसी परिवारवादी पार्टियों को हराना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार होती है तो देश बड़े फैसले लेता है और दशकों से लटकी हुई समस्याओं को सुलझाकर आगे बढ़ता है।
कहां था निशाना?
असल में कांग्रेस और आरजेडी दोनों में परिवार के लोग ही अहम पदों पर बैठते रहे हैं। इसको लेकर भाजपा हमेशा ही कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधा है। लेकिन महागठबंधन के साथ मुख्यमंत्री रहते हुए जब नीतीश कुमार ने परिवारवाद के खिलाफ बोला तो इसके कई सियासी मायने निकाले जाने लगे। नीतीश के इस बयान के बाद ही ऐसी अटकलें लगने लगीं कि कहीं उनका झुकाव एक बार फिर से भाजपा की तरफ तो नहीं होने लगा है। हालांकि अभी कुछ भी ठोस निकलकर सामने नहीं आया है। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाएं काफी तेज हैं।