अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तकरीबन छह हजार लोग शामिल रहेंगे।प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी कठिन तपस्या से गुजर रहे हैं। वे इस समय यम नियमों का पालन कर रहे हैं। वे 11 दिनों के अनुष्ठान पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी जमीन पर सो रहे हैं और सिर्फ नारियल-पानी ही पी रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उपवास रखा हुआ है।
सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री वर्तमान समय में जमीन पर सो रहे हैं और सिर्फ कंबल का इस्तेमाल करते हैं। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन भी प्रधानमंत्री का उपवास रहेगा। वे विशिष्ट मंत्रों का जाप करेंगे। 22 जनवरी के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ही मुख्य यजमान की भूमिका में हैं। राम मंदिर से जुड़े अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी से हो गई है, जोकि 21 जनवरी तक जारी रहने वाला है। राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कई दिनों में देशभर के अलग-अलग मंदिरों में पूजा-अर्चना की है। वे महाराष्ट्र के कालाराम मंदिर भी गए और फिर रामकुंड भी पहुंचे। इसके अलावा, 16 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश में स्थित वीरभद्र मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इस दौरान, उन्होंने जटायु से जुड़ी कहानी भी सुनी। वहीं, पीएम मोदी ने दक्षिण भारत के कुछ और मंदिरों के भी दर्शन किए हैं। बीते दिन वे केरल के श्री रामास्वामी मंदिर में थे, जहां पर उन्होंने भगवान की पूजा-अर्चना की।
मंदिर के गर्भगृह में लाई गई रामलला की मूर्ति
22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति को बुधवार रात अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह में लाया गया। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई। मूर्ति को एक ट्रक से मंदिर लाया गया। इस दौरान पूरे रास्ते में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए आवश्यक हर अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। 121 ‘आचार्य’ अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं।