मध्य प्रदेश में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने अपनी लोकप्रिय लाडली बहना योजना के तहत एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में 1576.61 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक से जारी कर दी। हालांकि दो महीने से भी कम समय में लाभार्थियों की संख्या 1.75 लाख से कम हो गई है।
हर महिला को 1,250 रुपये की अंतिम किस्त राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान से पहले वितरित की गई थी। अक्टूबर में लाभार्थियों की संख्या करीब 1.31 करोड़ थी। कांग्रेस ने लाभार्थियों की संख्या में कमी पर सवाल उठाए हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि नई सरकार ने लाभार्थियों की संख्या दो लाख कम कर दी है। सितंबर में जब शिवराज सीएम थे तो लाड़ली बहनों की संख्या 1.31 करोड़ थी, अब नए सीएम मोहन यादव ने यह संख्या घटाकर 1.29 करोड़ कर दी है। सरकारी विज्ञापन इसका सबूत है, जनता खुद देख ले। लोकसभा चुनाव के बाद यह संख्या कितनी बचेगी यह नए सीएम ही तय करेंगे। यह चुनावी पाखंड था, जिसका रंग फीका पड़ने लगा है। लाडली बहना योजना को लेकर लोगों का संदेह गलत नहीं है। सीएम बदलते ही इस योजना पर तलवार लटक रही है।
वहीं सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, लाभार्थियों की संख्या में जो कमी की गई है उसकी ठोस वजहें थीं। कुछ लाभार्थियों के नाम उनकी मृत्यु हो जाने के कारण हटाए गए हैं। वहीं कुछ लाभार्थियों के नाम इसलिए हटाए गए हैं क्योंकि उनकी उम्र 60 साल से अधिक हो गई है। जारी बयान में यह भी कहा गया है कि सामाजिक न्याय विभाग की 12 पेंशन योजनाओं के 56 लाख लाभार्थियों को भी 341 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
लाडली बहना योजना की किस्त जारी किए जाने के मौके पर मोहन यादव ने कहा कि सरकार ने लाडली बहना की रकम ट्रांसफर कर दी है। पता नहीं कांग्रेस वालों के पेट में दर्द क्यों होता है। कांग्रेस के लोगों ने पहले कहा कि भाजपा सरकार इसे नहीं दे पाएगी। वे जब आज पैसा देते हुए देखते हैं तो कहते हैं कि अभी दे दिया, अगली बार नहीं देंगे।
मोहन यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगे कहा- आप (कांग्रेस) उम्मीद में बैठे रहिए, हम हर बार पैसा ट्रांसफर करते रहेंगे। कांग्रेस ने कभी दिया ही नहीं, जिन्होंने दिया उन पर उंगली उठाती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि देश में केवल चार जातियां हैं। महिलाएं, युवा, किसान और गरीब… पीएम मोदी जो कहते हैं वह करते हैं। पाकिस्तान के इमरान खान भी कहते हैं कि उनके देश में मोदी क्यों नहीं हैं।