मोदी-ट्रंप मुलाकात से पहले टैरिफ कटौती की योजना बना रहा भारत: रिपोर्ट

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी हफ्ते दो दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं. यात्रा के पहले भारत अमेरिकी निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए टैरिफ कटौती की योजना बना रहा है.

पीएम मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारतीय पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात से पहले भारत संभावित ट्रेड वॉर से बचने के लिए कुछ अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कटौती की योजना बना रहा है. बुधवार और गुरुवार को मोदी की अमेरिका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप कई देशों पर टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य वैश्विक व्यापार संबंधों को अमेरिका के पक्ष में नया स्वरूप देना है.

ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किन देशों पर इसका असर पड़ेगा, लेकिन उन्होंने पहले भारत को व्यापार के मामले में “टैरिफ अब्यूजर” कहा था और इस बात पर जोर दिया था कि भारत को निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की ओर बढ़ने के लिए अधिक अमेरिकी निर्मित सुरक्षा उपकरण खरीदने चाहिए.

टैरिफ में छूट देने की योजना

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अमेरिका से निर्यात बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल और सर्जिकल उपकरणों के साथ-साथ कुछ रसायनों समेत कम से कम एक दर्जन क्षेत्रों में टैरिफ कटौती पर विचार कर रहा है. तीन सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ये कटौती नई दिल्ली की घरेलू उत्पादन योजनाओं के अनुरूप है.

नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि उन वस्तुओं के लिए रियायतों पर विचार किया जा रहा है जिन्हें भारत मुख्य रूप से अमेरिका से खरीदता है या अधिक खरीदने की संभावना रखता है. अधिकारियों के मुताबिक यह कदम भारत की घरेलू उत्पादन योजनाओं के अनुरूप भी है. उम्मीद है कि मोदी अपनी यात्रा के दौरान ट्रंप के साथ टैरिफ पर चर्चा करेंगे और भारत संभावित मिनी ट्रेड डील पर चर्चा करने के लिए तैयार है.

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अमेरिकी व्यापार संबंध और संभावित टकराव

एक और भारतीय अधिकारी ने कहा कि इस शुरुआती यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच चल रहे “व्यापार युद्ध जैसी स्थिति” से बचने की उम्मीद है. ट्रंप ने चीनी आयात पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिसके जवाब में बीजिंग ने अमेरिकी ऊर्जा पर शुल्क बढ़ा दिया है.

भारत के व्यापार मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर रॉयटर्स के सवालों का अब तक जवाब नहीं दिया है.

टैरिफ रियायतों पर चर्चा भारत के आम बजट में कई वस्तुओं पर औसत आयात शुल्क दरों को 13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत करने और महंगी बाइक और लग्जरी कारों पर टैक्स में कटौती के बाद हुई है.

मोदी-ट्रंप की मुलाकात के मुद्दे

मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक व्यापार, रक्षा सहयोग और टेक्नॉलोजी पर केंद्रित होगी. लेकिन पिछले हफ्ते अमेरिका से भारतीयों का निर्वासन इन मुद्दों पर भारी पड़ रहा है. एक सौ ज्यादा भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमान से जिस तरह से भारत लाया गया उसको लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है और संसद में भारतीय विदेश मंत्री को इस मुद्दे पर बयान तक देना पड़ा.

भारत की व्यापार प्रथाओं की ट्रंपकी आलोचना के बावजूद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को “शानदार” बताया है.

2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 118 अरब डॉलर पार कर गया, जिसमें भारत को 32 अरब डॉलर का व्यापार सरप्लस मिला. यानी भारत ने अमेरिका को ज्यादा सामान बेचा, बनिस्बत इसके कि उसने अमेरिका से खरीदा. अब जब अमेरिका ने चीन, मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ बढ़ाने का एलान किया है, तो भारत का निर्यात और ज्यादा बढ़ने की संभावना बनती है.

पिछले दशक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध लगातार बढ़े हैं, वॉशिंगटन, नई दिल्ली को चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव के बड़े विकल्प के रूप में देखता है.

स्टील-एल्यूमिनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे ट्रंप

इस बीच रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह सभी प्रकार के इस्पात और एल्यूमिनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाएंगे. इस्पात और एल्यूमिनियम का व्यापार भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से विवादास्पद रहा है. सुपरबॉल के लिए न्यू ऑरलियन्स जाते समय ट्रंप ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले किसी भी स्टील पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, एल्यूमिनियम पर भी.” उन्होंने कहा कि टैरिफ की घोषणा मंगलवार या बुधवार को की जाएगी.

ट्रंप ने कहा कि सभी देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ भी लगाए जाएंगे. पारस्परिक टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश से आने वाले सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा. ट्रंप ने कहा, “बहुत सरल शब्दों में, अगर वे हमसे शुल्क लेते हैं, तो हम उनसे शुल्क लेंगे.”

भारत ने 2023 के दौरान चार अरब डॉलर का इस्पात और 1.1 बिलियन डॉलर का एल्यूमिनियम निर्यात किया था. इस्पात और एल्यूमिनियम कारोबार भारत और अमेरिका के लिए एक विवादास्पद और जटिल मुद्दा रहा है. वॉशिंगटन ने नई दिल्ली पर इन निर्यातों को सब्सिडी देने का आरोप लगाया है. 2023 में पीएम मोदी की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने विश्व व्यापार संगठन के समक्ष धातुओं से जुड़े छह विवादों को निपटाने पर सहमति जताई थी. हालांकि, अक्टूबर में अमेरिका ने एल्यूमिनियम आयात की कुछ श्रेणियों पर 39.5 प्रतिशत तक शुल्क लगाया.

जनवरी में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के अंतिम दिनों में ट्रंप के पहले प्रशासन की तरफ से लगाए गए 10 से 25 प्रतिशत के बीच के अतिरिक्त टैरिफ को माफ करने पर सहमति जताई गई थी. बदले में, भारत सेब, अखरोट और बादाम पर टैरिफ कम करने पर सहमत हुआ था.

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