मोदी की गारंटी पर जोर क्यों, 2024 में ऐसे मिलेगी भाजपा को मदद; जीत के लिए लाभार्थियों पर है नजर

तीन राज्यों में प्रचंड जीत के बाद अब भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसको लेकर शुक्रवार और शनिवार को मैराथन मीटिंग का आयोजन हुआ। इस मीटिंग में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी तो मौजूद थे ही।साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस दौरान लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी की गारंटी पर फोकस रखने के बारे में चर्चा हुई। लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भाजपा केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ मोदी की प्रसिद्धि को भुनाने की योजना पर जोर दिया गया।

क्या है मोदी की गारंटी
हालिया खत्म हुए विधानसभा चुनाव में यह शब्द खूब चर्चा में रहा। इसके तहत प्रधानमंत्री द्वारा वोटर्स के सपनों को पूरा करने की बात कही गई। अगर छत्तीसगढ़ में भाजपा के मैनिफेस्टो की बात करें तो यहां पार्टी ने मोदी की 20 गारंटियों को हाइलाइट किया। इसमें शादीशुदा महिलाओं को 12 हजार रुपए सालाना, सरकारी पदों को भरना, गरीबों के लिए आवास योजना और 10 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी गारंटियां रहीं। नवंबर महीने में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अगले पांच साल तक गरीबों को मुफ्त राशन की घोषणा की। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा। यहां पर रैलियों के दौरान मोदी ने कहाकि मोदी की गारंटी मतलब, हर गारंटी पूरी होने की गारंटी।

विकसित भारत संकल्प यात्रा में भी जोर
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत के बाद भाजपा ने इस जीत के पीछे मोदी की इसी गारंटी को सबसे बड़ी वजह बताया। पिछले हफ्ते सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना किया। यह यात्रा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रचार के लिए आयोजित हुई है। इसे झंडा दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जहां पर दूसरों से उम्मीदें कम हो जाती हैं, वहीं से मोदी की गारंटी शुरू हो जाती है। इसलिए ही मोदी की गारंटी वाली गाड़ी की धूम मची हुई है।

भाजपा का लक्ष्य क्या है?
इसके साथ ही भाजपा ने विपक्ष की गारंटी पॉलिटिक्स की काट खोज निकाली है। खासतौर पर जिस तरह से कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में इन्हीं योजनाओं के दम पर जीत हासिल की, उसे देखते हुए यह काफी अहम है। भाजपा कांग्रेस के हाइपरलोकल कैंपेन की काट खोजने में जुटी थी, जिसने कर्नाटक में काफी काम किया था। अब मोदी की गारंटी के साथ उसे इसमें सफलता मिल चुकी है। इसके साथ पीएम मोदी की मास अपील ने उसके लिए चीजों को और आसान बना दिया। वहीं, भ्रष्टाचार पर करारे प्रहार की बात करते हुए भाजपा ने कांग्रेस की मुश्किलों और बढ़ा दिया। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा वेलफेयर पॉलिटिक्स को ही भुनाएगी।

कौन हैं लाभार्थी और भाजपा के लिए क्यों अहम?
भाजपा ने लाभार्थियों के रूप में एक नया वोट बेस तैयार किया है। यह वर्ग साल 2017-18 से ही भाजपा से जुड़ा हुआ है। भाजपा का दावा है कि इस वोट बैंक ने उसे जाति वर्ग से इतर 2019 के लोकसभा चुनावों और अन्य प्रदेशों के चुनाव जीतने में मदद की। 2019 के चुनावों से पहले, पार्टी ने लाभार्थियों की संख्या 25 करोड़ बताई थी। भाजपा को उस चुनाव में 22.9 करोड़ वोट मिले थे। यह बताने के लिए काफी है कि यह वोटर्स भाजपा के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं। इसके अलावा ईडब्लूएस कोटा भी है, जो उच्च श्रेणी के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण का हक देता है।

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