गोरखपुर में सात, वाराणसी में आठ चुनावी कार्यक्रम… सीएम योगी ने पीएम मोदी के लिए खूब बहाया पसीना

लोकसभा चुनाव के प्रचार में यूं तो सभी दलों के कद्दावर नेताओं ने पसीना बहाया लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल अपने प्रदेश में बल्कि बाहरी राज्यों में भी एडीए के पक्ष में धुआंधार प्रचार कर पार्टी के अबकी बार 400 पार के संकल्प को धार दी है।

जिन सीटों पर भाजपा की जीत पर संदेह नहीं है उन सीटों पर भी सीएम योगी ने आधा दर्जन से ज्यादा चुनावी कार्यक्रम किए। सीएम योगी ने अपने जिले गोरखपुर में सात चुनावी सभाएं की हैं। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो इससे भी ज्यादा आठ चुनावी कार्यक्रम सीएम योगी ने किया है। अगर कहें कि भीषण गर्मी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने के लिए सबसे ज्यादा पसीना सीएम योगी ने बहाया है तो यह गलत नहीं होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश से चुनकर देश का नेतृत्व करते हैं। इनके कंधों पर अपनी संसदीय सीटों के साथ ही पूरे देश के राजग प्रत्याशियों को जिताने का दारोमदार रहा। ऐसे में योगी ने ‘अपने नेता’ पीएम मोदी और राजनाथ सिंह की सीटों पर उनके साथ व अकेले भी कई बार पहुंचकर मतदाताओं से संवाद स्थापित किया। अपनी गृह सीट गोरखपुर में भी योगी आदित्यनाथ ने सात से अधिक रैली, कार्यक्रम व रोड शो किया। इसके साथ ही नए प्रत्याशियों के लिए भी सीएम योगी ने कई-कई बार मतदाताओं से संवाद स्थापित कर ‘अबकी बार-400 पार’ के लिए 80 को आधार बनाने की अपील की।

योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में आठ चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसमें से अधिकांश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने तीन अप्रैल को वाराणसी लोकसभा चुनाव संचालन समिति की बैठक की। पीएम संग 13 मई को रोड शो, 14 मई को कार्यकर्ता सम्मेलन, 14 मई को नामांकन, 21 मई को नारी वंदन सम्मेलन में सीएम भी शामिल हुए। सीएम ने 25 मई व 27 मई को जनसभा की और 27 मई को ही वाराणसी के अधिवक्ता से संवाद स्थापित किया।

लखनऊ के सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संग योगी आदित्यनाथ ने नामांकन से पहले 29 अप्रैल को रोड शो किया। इसके अलावा सीएम 14 मई, 15 मई, 16 मई, 17 मई को विभिन्न जनसभाओं में भी शामिल हुए। गोरखपुर से भाजपा सांसद व प्रत्याशी रवि किशन के लिए भी योगी ने मतदाताओं से संवाद स्थापित किया। गोरखपुर में 4 अप्रैल को लोकसभा चुनाव संचालन समिति की बैठक की। 10 मई को नामांकन सभा, 24 मई, 26 मई, 28 मई, 29 मई जनसभा की और 29 मई को यूपी का आखिरी चुनावी कार्यक्रम रोड शो भी सीएम योगी ने गोरखपुर में ही किया।

श्रीराम की नगरी अयोध्या भी योगी आदित्यनाथ के केंद्र में रही। निरंतर अयोध्या में विकास कार्यों का निरीक्षण करने,साधु-संतों से भेंट करने के साथ ही नियमित रूप से रामलला व हनुमानगढ़ी दरबार भी पहुंचते हैं। फैजाबाद लोकसभा सीट के मतदाता भारतीय जनता पार्टी से भावनात्मक लगाव रखते हैं। इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो भी किया था। इसमें योगी भी शामिल रहे। इसके साथ ही दो अन्य जनसभाओं के माध्यम से उन्होने मतदाताओं से अपील कर कमल के पक्ष में रिकॉर्ड बनाने की अपील की।

रामायण धारावाहिक के ‘श्रीराम’ यानी अरुण गोविल के समर्थन में भी सीएम योगी ने मेरठ लोकसभा सीट के लिए कई बार पहुंचकर प्रचार किया। अपने चुनाव कार्यक्रम के पहले दिन (27 मार्च) को सीएम ने यहां प्रबुद्ध सम्मेलन किया तो 31 को पीएम नरेंद्र मोदी संग चौधरी चरण सिंह गौरव सम्मान समारोह में शामिल हुए। मेरठ लोकसभा सीट के लिए सीएम ने 18 अप्रैल को जनसभा और 23 अप्रैल को अभूतपूर्व रोड शो भी किया।

जिन सीटों पर नए प्रत्याशियों के लिए भाजपा ने दांव लगाया। उनमें से हाथरस, मैनपुरी, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बदायूं आदि सीटें ऐसी रहीं, जहां सीएम योगी तीन या उससे अधिक बार प्रचार करने पहुंचे। हाथरस से अनूप प्रधान, मैनपुरी से जयवीर सिंह, मेरठ से अरुण गोविल, बागपत से एनडीए के राजकुमार सांगवान, गाजियाबाद से अतुल गर्ग और बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य इस बार मैदान में हैं। इन नए प्रत्याशियों के लिए भी योगी ने खूब पसीना बहाया। वहीं 2019 में हारी अमरोहा और सहारनपुर सीटों पर भी सीएम योगी आमजन के बीच पहुंचे। मतदाताओं ने विकास के बलबूते कमल खिलाने के प्रति आश्वस्त किया।

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