भारत में डायबिटीज के मरीजों का आंकड़ा 10 करोड़ से ज्यादा हो गया है. हर साल इस बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं. कम उम्र में ही लोग टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं.
खराब खानपान और आराम तलब लाइफस्टाइल इस बीमारी के फैलने का एक बड़ा कारण है. खासतौर पर शहरी इलाकों में तो खराब लाइफस्टाइल के कारण डायबिटीज का दायरा लगातार बढ़ रहा है. डायबिटीज को लेकर आम धारणा यह है कि ये बीमारी ज्यादा मीठा खाने से भी हो जाती है, लेकिन क्या ऐसा सच में होता है? इस सवालका जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
दिल्ली में सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर और एचओडी डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि मीठा खाने से डायबिटीज का कोई सीधा संबंध नहीं है. आजतक ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है जिसमें कहा गया है कि ज्यादा मीठा खाना आपको डायबिटीज का शिकार बना सकता है. डायबिटीज होने का कारण मीठा खाना नहीं बल्कि शरीर में इन्सुलिन का सही मात्रा में न बनना होता है.
जब किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद पैन्क्रियाज में इन्सुलिन सही तरीके से नहीं बनता है तो खून में ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है. ग्लूकोज के अधिक बढ़ने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है. अगर शुगर का लेवल लगातार कई महीनों से बढ़ा हुआ है और कंट्रोल नहीं हो रहा है तो बाद में ये डायबिटीज की बीमारी बन जाती है.
डॉ किशोर बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति मीठा खाता रहता है और वह नियमित रूप से एक्सरसाइज करता है और उसकी लाइफस्टाइल ठीक है तो उसको डायबिटीज का खतरा कम है. ऐसे व्यक्ति में डायबिटीज तभी हो सकती है जब ये बीमारी उनमें जेनेटिक कारणों से आ जाए. यानी, परिवार में पिता को अगर डायबिटीज है तो बच्चे को हो सकती है. इसको टाइप-1 डायबिटीज कहते हैं. इसका संबंध खानपान से नहीं बल्कि जेनेटिक है.
प्री-डायबिटीज वालों को रिस्क
डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि जो लोग प्री-डायबिटीज स्टेज में हैं, यानी जिन लोगों के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा हुआ है और वह लगातार मीठा खाते हैं तो उनमें मीठे से डायबिटीज होने का रिस्क रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों में मीठा शुगर लेवल को और बढ़ा सकता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा रहता है.
डॉ. किशोर कहते हैं किप्री डायबिटीज वाले लोगों को मीठे से परहेज करना चाहिए. प्री-़डायबिटीज वह स्थिति है जिसमें डायबिटीज तो नहीं होती है, लेकिन इसके कुछ लक्षण दिखने लगते हैं. अगर इस दौरान व्यक्ति खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान नहीं रखता है तो कुछ समय बाद उसको डायबिटीज होने का खतरा रहता है.
इसी तरह अगर कोई व्यक्ति मोटापे से पीड़ित है और उसका लाइफस्टाइल खराब है तो ऐसे व्यक्ति में भी मीठा खाने से डायबिटीज होने का रिस्क रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मोटापा डायबिटीज का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये लोग मीठा खाएंगे तो इनको डायबिटीज हो ही जाएगी, ऐसा केवल तब होता है जब आपकी डाइट में लगातार मीठा खाना शामिल है और आप कोई भी वर्कआउट नहीं कर रहे हैं.
मीठा और डायबिटीज में क्या कोई संबंध है?
नई दिल्ली एम्स में सीनियर रेजिडेंट डॉ. अनन्या गुप्ता बताते हैं कि मीठा और डायबिटीज को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. कई लोग ऐसे हैं जो काफी मीठा खाते हैं, लेकिन उनको डायबिटीज नहीं होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और उनका वजन नहीं बढ़ता है.
डॉ अनन्या गुप्ता के मुताबिक, ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है. अगर शरीर में दूसरी रिस्क फैक्टर है जैसे की वजन बढ़ा हुआ है लाइफस्टाइल खराब है या फिर एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो ही मीठा खतरनाक है. बाकी मामलों में डायबिटीज होने का कारण मीठा नहीं बल्कि शरीर में इंसुलिन का सही मात्रा में न बनना है. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज होती है.