आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महाराष्ट्र की 48 में से 39 लोकसभा सीटों का बंटवारा विपक्षी INDIA अलायंस के घटक दलों यानी कांग्रेस,शिव सेना (UBT) और एनसपी (शरद पवार गुट) के बीच हो गया है। सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की है। बाकी बची नौ सीटों पर अभी बातचीत जारी है। माना जा रहा है कि इनमें से आठ सीटों पर तीनों दलों के बीच खींचतान चल रही है।इंडिया अलायंस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति तब बनी, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गठबंधन के नेताओं शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक, इंडिया अलायंस के घटक दलों के बीच महाराष्ट्र की जिन लोकसभा सीटों पर खींचतान चल रही है, उनमें मुंबई की दो सीटें, दक्षिण मध्य मुंबई और उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट शामिल हैं। इन दोनों सीटों पर उद्धव ठाकरे की शिव सेना और कांग्रेस दोनों दावे ठोक रही है।दूसरी तरफ, इंडिया अलायंस से वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के नेता प्रकाश अंबेडकर ने पांच सीटों की मांग की है। इस पर भी गठबंधन दलों के बीच पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन के बाकी तीन दल प्रकाश अंबेडकर को दो सीटें देने को ही तैयार हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में वंचित अघाड़ी ने 47 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन एक पर भी जीत नहीं हो सकी थी। विधानसभा चुनावों में भी वंचित अघाड़ी ने 288 में से 234 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन कहीं से खाता तक नहीं खुल सका था। हालांकि VBA ने लोकसभा चुनावों में 6.92 फीसदी वोट हासिल किए थे, जबकि विधानसभा चुनावों में उसे 4.6 फीसदी वोट मिले थे। बड़ी बात यह है कि वंचित अघाड़ी 10 विधानसभा सीटों में दूसरे नंबर पर रही थी।
शिवसेना और कांग्रेस क्यों आमने-सामने
मुंबई की दो लोकसभा सीटों दक्षिण-मध्य मुंबई और उत्तर-पश्चिम मुंबई पर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिव सेना अपने-अपने दावे ठोक रही है। दरअसल, पिछले चुनावों में उत्तर-पश्चिमी मुंबई से शिव सेना के गजानन कीर्तिकर ने चुनाव जीता था, जबकि कांग्रेस के संजय निरूपम दूसरे नंबर पर रहे थे। गजानन अब एकनाथ शिंदे के खेमे में जा चुके हैं। इसलिए कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा ठोक रही है, वहीं उद्धव इसे शिव सेना की सीट मानते हुए अपना दावा नहीं छोड़ना चाह रहे।इसी तरह दक्षिण-मध्य मुंबई सीट से 2019 में शिव सेना के राहुल रमेश शेवाले ने जीत दर्ज की थी जो अब शिंदे कैम्प में जा चुके हैं। वहां भी दूसरे स्थान पर कांग्रेस के उम्मीदवार एकनाथ महादेव गायकवाड़ रहे थे। इसलिए कांग्रेस यहां भी उसी तर्क के आधार पर अपना दावा ठोक रही है। माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में बाकी बची नौ सीटों और वंचित बहुजन अघाड़ी को सीट आवंटित करने का पेंच सुलझ सकता है।राहुल गांधी पहले ही उत्तर प्रदेश में 80 में से 17 सीटों पर समाजवादी पार्टी के साथ समझौता कर चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली में भी सात में से तीन सीटों पर आम आदमी पार्टी के साथ समझौता कर चुके हैं। पश्चिम बंगाल में भी 42 लोकसभा सीटों के लिए ममता बनर्जी से सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है। बनर्जी ने कांग्रेस को दो सीटों का ऑफर दिया है।