लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर बुधवार को दो और विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सदन की अवमानना के मामले में अब तक कुल 143 संसद सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है।इससे पहले गत सप्ताह गुरुवार को 13 सदस्यों, सोमवार को 33 तथा मंगलवार को 49 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।आपराधिक कानूनों से संबंधित तीन विधेयकों पर चर्चा के बीच में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के दो सदस्यों – सी. थॉमस और ए.एम. आरिफ का नाम लेकर उन्हें आसन की अवमानना को लेकर संसद के वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। आरिफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के और सी. थॉमस केरल कांग्रेस के सांसद हैं।
निलंबन के खिलाफ विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन
वहीं, विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं और सांसदों ने लोकसभा एवं राज्यसभा से 140 से अधिक सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार ‘विपक्ष मुक्त संसद’ तथा ‘एक पार्टी के शासन वाली व्यवस्था’ चाहती है। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कई अन्य नेता शामिल हुए। निलंबित लोकसभा सदस्यों में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ”संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में कभी इस तरह से 150 सांसदों को सदन से बाहर नहीं किया गया। यह व्यवस्था का ऐतिहासिक दुरुपयोग है। सरकार चाहती है कि विपक्ष मुक्त लोकसभा और विपक्ष मुक्त राज्यसभा हो।
हम चांद का टुकड़ा नहीं मांग रहे, बोले मनोज झा
इस तरह की राजनीति में लोकतंत्र का क्या होगा, यही हमारा प्रश्न है।” राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा, ”हम चांद का टुकड़ा नहीं मांग रहे हैं। हम गृह मंत्री से दोनों सदनों में बयान चाहते हैं। सुरक्षा चूक को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला मानना चाहिए। हमने गृह मंत्री के बयान की मांग की तो इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित कर दिया गया।” उन्होंने आरोप लगाया, ”आपने (सरकार) लोकतंत्र की जननी का कत्ल करने की सुपारी ले ली है और वही आप कर रहे हैं। आपको प्रतिरोध मुक्त सड़क और विपक्ष मुक्त संसद चाहिए। मुबारक हो मोदी जी। आप इस देश को एक पार्टी के शासन वाली व्यवस्था की तरफ ले जा रहे हैं।” सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों के भीतर 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।