दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच एक बार फिर रार की स्थिति बनती नजर आ रही है। उप राज्यपाल वी.के सक्सेना ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को चिट्ठी लिख कर यह शिकायत की है कि उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनके मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई तो केजरीवाल सरकार के मंत्री नहीं आए।अब इसे लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को संविधान को समझने की जरुरत है। जल, स्वास्थ्य, पर्यावरण और वन यह सभी चुनी हुई सरकार के विषय हैं। जब हम उन्हें अपनी समस्या बताते हैं तो वो कहते हैं कि यह सब ट्रांसफर्ड विषय हैं लेकिन अब वो मंत्रियों की बैठक बुला रहे हैं। अगर एलजी साहब को सरकार चलाने का शौक है तो अरविंद केजरीवाल के सामने चुनाव लड़िए और जीत कर आइए फिर सरकार चलाइए।’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संविधान की किस अनुच्छेद में उन्हें यह शक्ति दी गई है कि वो मंत्रियों की बैठक बुलाएं इसका तो उन्होंने कहीं जिक्र नहीं किया। दिल्ली में पानी और स्वास्थ्य की समस्या इसलिए है क्योंकि एलजी साहब के चहेते अफसरों ने दवाइयों की सप्लाई रोक दी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अफसरों ने जल बोर्ड का पैसा रोक दिया लेकिन एलजी उनपर कार्रवाई नहीं करते हैं।
एलजी ने गृह मंत्रालय को लिखे खत में क्या कहा..
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे खत में उप राज्यपाल ने इस बात का जिक्र किया है कि मंत्रियों के साथ इस तरह की एक बैठक की जरुरत थी ताकि केजरीवाल के हिरासत में जाने के बाद दिल्ली में शासन के रोजमर्रा के काम प्रभावित ना हों। लेकिन मंत्रियों ने उनके न्योते को यह कह कर मना कर दिया कि आदर्श आचार संहिता लागू है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, आतिशी और सौरभ भारद्वाज को दो अप्रैल को इस बैठक में आने के लिए चिट्ठी भेजी गई थी। खत में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने असंवेदनशीलता और गंभीरता के अभाव को प्रदर्शित किया है।