लालू के करीबी सुभाष यादव के ठिकानों से मिले 2 करोड़ कैश, ईडी जांच में 250 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

रजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी एवं बिहार के बड़े बालू कारोबारी सुभाष यादव के 8 ठिकानों पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शनिवार को एक साथ छापेमारी की। सुभाष अवैध बालू खनन के लिए राज्य में कुख्यात कंपनी ब्रॉडसॉन्स लिमिटेड के एक प्रमुख निदेशक हैं।इस कंपनी के सभी निदेशकों पर पहले ही ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है। सुभाष यादव और उनके कुछ करीबी रिश्तेदारों से जुड़े इन सभी ठिकानों पर शनिवार सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही। इनमें दानापुर के नारियल घाट स्थित उसका घर के अलावा दानापुर में ही नासरीगंज, शाहपुर, यदुवंशी नगर, मनेर में हल्दी छपरा तथा पटना के गोल रोड, बोरिंग कैनाल रोड स्थित उनका कार्यालय समेत अन्य स्थान शामिल हैं। दानापुर में मौजूद उनके दो घरों से अब तक दो करोड़ रुपये कैश के अलावा पटना, रांची समेत अन्य स्थानों पर जमीन-जायदाद से संबंधित बड़ी संख्या में कागजात तथा अनेक माध्यमों में निवेश से जुड़े काफी संख्या में दस्तावेज बरामद किए जा चुके हैं। फिलहाल सभी दस्तावेजों की सघन जांच चल रही है।

सुभाष यादव मूलरूप से दानापुर अनुमंडल में आने वाले हेतनपुर दियारा के रहने वाले हैं। वह आरजेडी से चुनाव लड़ चुके हैं और लालू के करीबी माने जाते हैं। छापेमारी के दौरान सुभाष और उनके एक करीबी रिश्तेदार अशोक यादव से जांच अधिकारियों ने कई पहलुओं पर घंटों पूछताछ की। जांच में यह बात सामने आई कि उनकी मालिकाना हक वाली कंपनी ब्रॉडसॉन्स ने बिहार के विभिन्न बालू घाटों पर अवैध खनन और बिना चालान या गलत चालान की बिनाह पर 250 करोड़ से अधिक का राजस्व चोरी कर ली थी। इस मामले में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और कइयों की काली के निवेश से जुड़े कई तथ्य सामने आने पर ईडी ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की है।

इससे पहले 2022 में इनकम टैक्स विभाग ने आयकर चोरी के आरोप में उनके ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर की थी। इसमें करोड़ों की आयकर चोरी सामने आई थी। ईडी ब्रॉडसॉन कंपनी के अन्य निदेशकों पर पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी। इसी मामले में जेडीयू एमएलसी राधाचरण सेठ, कंपनी के एमडी अशोक गुप्ता, उनके बेटे कन्हैया कुमार समेत अन्य लोग जेल जा चुके हैं। अभी भी तकरीबन सभी आरोपी जेल में बंद हैं। इस कंपनी के झारखंड के कुछ निदेशक भी जेल में बंद हैं, जो उस राज्य में भी कई बालू घाटों पर अवैध खनन के मामले में शामिल हैं। सुभाष यादव इस कंपनी के अंतिम निदेशक हैं, जिन पर ईडी ने कार्रवाई शुरू की है।

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