कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक कलह बढ़ती ही जा रही है और उसे थामने के लिए दिल्ली से केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला अचानक ही बेंगलुरु पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से बुधवार को मुलाकात की।
पिछले कुछ दिनों से राज्य में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कई बयान दिए गए थे और इससे पार्टी के भीतर कलह साफ दिख रही थी। सिद्धारमैया सरकार के मंत्री जरकिहोली और डीके शिवकुमार के बीच कई निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों को लेकर भी तनाव देखा गया था। ऐसे में पार्टी के भीतर ऑल इज वेल न होने का संदेश जा रहा था।
बेंगलुरु में मीटिंग के बाद सुरजेवाला ने खुलकर कहा कि हमने प्रदेश अध्यक्ष से कहा है कि पार्टी लाइन से अलग बात करने वालों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लो। यह आदेश राज्य के कुछ विधायकों के बयानों के बाद आया है, जिसमें मुख्यमंत्री बदले जाने की बात कही जा रही थी। सुरजेवाला ने कहा, ‘हमारे कुछ मंत्रियों और विधायकों ने पार्टी के अनुशासन के खिलाफ बयान दिए हैं और हमने उन्हें चेताया है। मैंने प्रदेश अध्यक्ष से कहा है कि ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाए। यदि कोई अपनी बात करना चाहता है तो वह प्रदेश अध्यक्ष, सीएम और खुले मेरे पास ही आ सकता है। लेकिन हम पब्लिक फोरम में पार्टी विरोधी बयानों को स्वीकार नहीं करेंगे।’
मुख्यमंत्री पद पर विधायकों ने क्या कहा, जिस पर मच गया बवाल
दरअसल शुक्रवार को मांड्या सीट से कांग्रेस विधायक रविकुमार गौड़ा ने दावा कर दिया था कि डीकेश शिवकुमार ढाई साल बाद कर्नाटक के सीएम होंगे। इसे लेकर सिद्धारमैया खेमे ने आपत्ति जताई थी। उनके खेमे के विधायक एचसी महादेवप्पा ने कहा था कि सिद्धारमैया 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। पार्टी ने सिद्धारमैया के टर्म को लेकर कुछ भी नहीं कहा था। ऐसे में इस तरह के बयान हाईकमान तक को असहज करने वाले थे। इसके अलावा कांग्रेस में टूट भी इससे उजागर हो रही थी।
विधायकों के लिए खींची लक्ष्मणरेखा, पार करने पर होगा ऐक्शन
सुरजेवाला ने कहा कि किसी विधायक को अधिकार नहीं है कि वह ऐसे बयान दे। पार्टी महासचिव ने कहा, ‘किसी विधायक को अधिकार नहीं कि वह ऐसे दावे करे। कोई भी मसला है तो उसे पार्टी फोरम में ही उठाया जाए। सरकार अच्छा काम कर रही है। विधायकों को सिर्फ अपने इलाकों में विकास कार्यों पर ही फोकस करना चाहिए।’ सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु की मीटिंग में हाईकमान का संदेश लेकर पहुंचे सुरजेवाला और वेणुगोपाल ने साफ कहा कि आप लोग आपसी कलह की बजाय लोकसभा चुनाव पर फोकस करें।
कुछ मसले 5 राज्यों के चुनाव तक लटके, फिर होगा समाधान
कांग्रेस का कहना है कि इस मीटिंग के दौरान राज्य में संगठन को पुनर्गठित करने पर बात हुई। संगठन में रहे कई नेता अब मंत्री या विधायक हैं। ऐसे में नए लोगों को संगठन में मौका देने पर विचार हो रहा है। इसके अलावा निगमों और बोर्डों के चेयरमैन्स की नियुक्ति को लेकर पार्टी का कहना है कि 5 राज्यों के इलेक्शन होने के बाद इस पर बात करेंगे। उससे पहले पार्टी किसी तरह के विवाद नहीं चाहती।