नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर दुनियाभर की निगाहें रहती हैं। उन पर आशंका रहती है कि वह कभी भी कुछ भी कर सकते हैं और तबाही ला सकते हैं। ऐसे में पावरफुल देशों ने उन पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए हुए हैं।इस बीच, एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अमेरिका और साउथ कोरिया के एजेंट्स ने किम जोंग उन को बायोकैमिकल वेपन के जरिए मारने की साजिश रची थी। इस खुलासे से हड़कंप मच गया है। हालांकि, यह प्लान सफल नहीं हो सका और किम जोंग उन जिंदा बच गए। इस विफल योजना की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया है कि यह साजिश साल 2017 में रची गई थी। जब किम कुछ महीनों बाद सीआईए डायरेक्टर से मिले तो उन्होंने भी इसका मजाक उड़ाया था।
‘द मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, किम और डोनाल्ड ट्रम्प के कुख्यात 2018 शिखर सम्मेलन से दो महीने पहले सीआईए डायरेक्टर माइक पोम्पिओ ने गुप्त रूप से उत्तर कोरियाई नेता से मुलाकात की थी। किम ने कथित तौर पर अपने अतिथि का स्वागत करते हुए कहा था, “मिस्टर डायरेक्टर, मैंने नहीं सोचा था कि आप आएंगे। मुझे पता है कि आप मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद पोम्पिओ ने भी मजाकिया अंदाज में जवाब दिया था कि महोदय, मैं अब भी आपको मारने की कोशिश कर रहा हूं।” हालांकि, पता चला है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह मजाक नहीं कर रहे थे, क्योंकि हत्या की साजिश से जुड़े एक करीबी सूत्र ने ‘द डेली बीस्ट’ को बताया कि 2017 में किम शासन को उखाड़ फेंकने की एक सक्रिय योजना थी।
अपहरणकर्ताओं और उत्तर कोरियाई शरणार्थियों के मानवाधिकारों के लिए नागरिक आयोग के सीईओ दोह ही-यूं को उत्तर कोरिया में साजिश में शामिल बताया गया था और वह साइबेरियाई शहर में रहने वाले साजिशकर्ता किम सेओंग-इल से रोजाना बात करते थे। रूस में खाबरोवस्क दोह ने ‘द डेली बीस्ट’ को बताया, “दो या तीन वर्षों तक, मेरी किम सेओंग-इल के साथ बातचीत हुई, जिसका इरादा किम शासन को उखाड़ फेंकने का था।” कथित तौर पर यह योजना गुप्त यूएसबी स्टिक पर साझा की गई थी और किम के अंदरूनी घेरे के अंदर तक पहुंचाई गई थी, जो कथित तौर पर किम को मारने के लिए तैयार थे। किम सेओंग-इल को अपनी साजिश के खतरों के बारे में अच्छी तरह से पता था। दोह ने उन्हें याद करते हुए कहा, ”क्रांति में हमेशा बलिदान होते हैं। हम जानते थे कि यह खतरनाक हो सकता है। हम जो करने जा रहे थे, उसमें किसी को तो जोखिम उठाना ही था।”
हालांकि, यह साजिश विफल हो गई और किम जोंग उन दुनिया के सामने आए, जिससे पता चला कि वे अब भी जिंदा हैं। उत्तर कोरिया ने मई 2017 में 23 मिनट का एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसमें दावा किया गया था कि किम सेओंग-इल सहित साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, इस वीडियो को उस समय दक्षिण कोरियाई या विदेशी मीडिया द्वारा रिपोर्ट नहीं किया गया। वीडियो में किम जोंग-उन के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था, बल्कि सीआईए और एनआईएस द्वारा आतंकवाद की साजिश रचने के सबूत का हवाला देते हुए सर्वोच्च नेता को निशाना बनाने की साजिश रचने का दावा किया गया था।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के एक बयान में दावा किया गया कि मई 2017 में किम को पद से हटाने के अमेरिका समर्थित प्रयास को विफल कर दिया गया था। उसमें कहा गया था कि जघन्य आतंकवादियों का एक समूह, जिसने अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी और दक्षिण कोरियाई कठपुतली खुफिया सेवा के आदेश पर हमारे देश में घुसपैठ की, उसका उद्देश्य बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियारों का उपयोग करके हमारे हेडक्वार्टर के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम देना था। यह आतंकवाद के पीछे मुख्य अपराधी के रूप में अमेरिका की वास्तविक नेचर को साफ तौर पर दिखाता है।