दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे। समन को नजरअंदाज करते हुए वो मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गए।सीएम केजरीवाल ने ईडी के बुलावे को गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया है। साथ ही उन्होंने जांच एजेंसी से समन वापस लेने की मांग भी कर डाली है।ईडी ने 30 अक्टूबर को उन्हें समन भेजा था और 2 नवंबर को दफ्तर में पेश होने के लिए कहा था। ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि ईडी का अगला कदम क्या होगा? क्या जांच एजेंसी केजरीवाल को समन नजरअंदाज करने के लिए गिरफ्तार कर सकती है? आइए समझते हैं…
क्या केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है ईडी?
ईडी ने 30 अक्टूबर को पहला समन जारी किया था और सीएम केजरीवाल को 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा था। हालांकि दफ्तर नहीं पहुंचने पर अब ईडी उन्हें दोबारा समन जारी कर सकती है। अगर दूसरे समन को भी वो नजरअंदाज करते हैं तब जांच एजेंसी उन्हें तीसरा समन जारी कर सकती है। कोई भी व्यक्ति ईडी के तीन समन को नजरअंदाज कर सकता है। इसके बाद ईडी कोर्ट से गैर जमानती वारंट की मांग कर सकती है जिसके बाद केजरीवाल को तय समय पर पेश होना होगा। अगर केजरीवाल गैर जमानती वारंट को भी नजरअंदाज कर देते हैं तब उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
केजरीवाल के पास क्या ऑप्शन?
सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन को गैर कानूनी बताया है। वो ईडी के समन को चुनौती देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। साथ ही वो कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग भी कर सकते हैं। समन पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने बताया कि ईडी के समन में यह साफ नहीं है कि उन्हें किस रूप में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि समन में बुलाने की वजह भी नहीं बताई गई है। केजरीवाल ने आगे कहा कि ‘आप’ के स्टार प्रचारक होनी की वजह से उन्हें चुनावी यात्राएं करनी पड़ती हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल पर अटैक करते हुए उन्हें ‘करप्शन का सागर’ बताया है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किए गए समन के पीछे एक ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ है और विपक्ष के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री से आज ईडी के सामने पेश होने को कहा गया। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि समन में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें किस हैसियत से बुलाया जा रहा है- एक गवाह के रूप में या एक संदिग्ध के रूप में, एक व्यक्ति के तौर पर उनकी हैसियत के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में या ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में…।”
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री भारद्वाज ने कहा, ‘भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एक समाचार एजेंसी से साक्षात्कार में यह कैसे कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाएगा? इसका मतलब है कि यह एक राजनीतिक साजिश है। पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल को प्रचार के लिए जाना है।’