क्या झारखंड में सबकुछ ठीक? कांग्रेस विधायकों ने अपनी ही गठबंधन वाली सरकार को घेरा

आम तौर पर विधानसभा सत्रों के दौरान विपक्षी विधायक सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते नजर आते हैं तो वहीं सत्ता पक्ष अपनी सरकार की पीठ ठोंकता दिखता है। लेकिन झारखंड में सियासी हवा का अजीब रुख सामने आ रहा है।मौजूदा वक्त में कांग्रेस विधायक ही अपनी गठबंधन सरकार के सामने सूबे में व्याप्त समस्याओं को उठा रहे हैं। झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दे उठाए।कांग्रेस विधायक उमा शंकर अकेला ने सहायक नर्सों और मिडवाइफ (एएनएम), जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम), लैब सहायक, एक्स-रे तकनीशियन, पोषण दीदी (Poshan Didi) और फार्मासिस्ट समेत 2,000 से अधिक अनुबंध स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण पर चिंता जताई। अकेला ने दावा किया कि एक दशक से अधिक समय तक राज्य में सेवा देने के बावजूद, इन कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है।कांग्रेस विधायक उमा शंकर अकेला की ओर से उठाई गई समस्या का झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जवाब दिया। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक कार्यक्रम के तहत काम पर रखा गया था। इन स्वास्थ्य कर्मियों का पारिश्रमिक कम है। मैं इस मुद्दे को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाता रहा हूं। कुल मिलाकर सरकार की ओर से इस मामले को केंद्र के माथे मढ़ दिया गया।एक अन्य कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने अपने विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक और उप-स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों, नर्सों और दवाओं की कमी पर प्रकाश डाला। हालांकि इस बार स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में डॉक्टरों की कमी को स्वीकार किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा है। उन्होंने कच्छप को आश्वासन दिया कि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि न केवल झारखंड में, वरन पूरे देश में डॉक्टरों की कमी है।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विधायक के निर्वाचन क्षेत्र में 25 उप-स्वास्थ्य केंद्र, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। मैं इलाके के लोगों की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करूंगा। सनद रहे हाल ही में कैबिनेट विस्तार के दौरान कुछ कांग्रेस विधायकों के नाराज होने और उनमें से कुछ के दिल्ली पहुंचने की खबरें सामने आई थीं। हालांकि बाद में सीएम चंपाई सोरेन ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी और सूबे में सबकुछ ठीक होने का दावा किया था।

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