इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की ओर से एकजुटता दिखाने की कोशिश तो की जाती है लेकिन बात बनती नहीं दिख रही। लोकसभा के पहले चरण के चुनाव में कुछ ही दिन बाकी है और उससे पहले जम्मू- कश्मीर में भी इंडिया गठबंधन के सहयोगी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में कुछ ही दिन बाकी है और उससे पहले जम्मू- कश्मीर भी उस सूची में शामिल हो गया है जहां इंडिया गठबंधन के सहयोगी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।यूपी, बिहार और बंगाल इन तीन राज्यों में भी मामला ठीक नहीं है। बंगाल में तो पहले ही बात नहीं बनी और बिहार में सीट बंटवारे के ऐलान के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं। वहीं यूपी जैसे बड़े राज्य में एक नया गठबंधन बनने से ‘इंडिया’ गठबंधन की चुनौती और भी बढ़ गई है। अभी हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी दलों की ओर से एकजुटता दिखाने की कोशिश हुई लेकिन ऐसा लग रहा है कि देश की राजधानी से दिया गया संदेश राज्यों तक नहीं पहुंच रहा है।’इंडिया’ गठबंधन से अलग होकर अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने एक नया गठबंधन बनाया है। अपना दल (कमेरावादी) और मजलिस—ए—इत्तेहाद—उल—मुस्लिमीन के बीच नया गठबंधन बना है। इतना ही नहीं पल्लवी पटेल ने कहा है कि राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का आशीर्वाद उनके साथ है और वे साथ मिलकर सामाजिक न्याय के लिये मजबूत लड़ाई लड़ेंगे। बिहार के महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। भले ही राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 26 और कांग्रेस 9, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) तीन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन पूर्णिया सीट सीट ने पूरे बिहार में महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है। घोषणा के अनुसार, कांग्रेस को पूर्णिया लोकसभा छोड़ने के लिए मजबूर किया गया जहां से राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन के पति पप्पू यादव को चुनाव लड़ने की उम्मीद थी।पप्पू यादव ने दावा किया है कि उन्हें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कांग्रेस से टिकट मिलने का आश्वासन दिया था। बंगाल और पंजाब में पहले ही इंडिया गठबंधन के बीच बात नहीं बनी। इंडिया गठबंधन में शामिल दल यहां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। वहीं चुनाव से ठीक पहले कई और राज्यों में भी मतभेद की खबरें हैं। इंडिया गठबंधन में कई चुनौतियां हैं। चुनाव से पहले मतभेद की खबरें आती रहीं लेकिन यदि चुनाव के बीच यदि ऐसी खबरें सामने आती हैं तो इंडिया गठबंधन की राह काफी मुश्किल भरी होगी।