बीते एक महीने से हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है। इस जंग में ईरान इस्लामिक देशों को एकजुट कर इजरायल के खिलाफ करने के लिए बेताब है। समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इस्लामिक देशों से इजरायल की सेना को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति रायसी ने गाजा पट्टी में इजराइल के मौजूदा अभियानों का हवाला देते हुए इस्लामिक देशों को इजरायल के साथ संबंध तोड़ने का आग्रह किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने इस्लामिक देशों से फिलिस्तीनियों के लिए अधिक समर्थन का आह्वान किया।
इस्लामिक देशों को एकजुट करने के लिए बेताब है ईरान
इब्राहिम रायसी शनिवार को सऊदी की राजधानी रियाद में अरब और मुस्लिम नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, वह ओआईसी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं, जिसका उद्देश्य इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा करना था। जहां रायसी ने इस्लामिक देशों से इजरायल की सेना को ‘आतंकवादी समूह’ करार देने का आग्रह किया, वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) कथित तौर पर इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखने की योजना बना रहा है।
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों में तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद शामिल हैं, जिनका इस साल की शुरुआत में अरब लीग में वापस स्वागत किया गया था। वहीं फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के एक बयान में कहा गया है, “हम अरब और मुस्लिम नेताओं से अमेरिकी प्रशासन पर दबाव डालने का आह्वान करते हैं, जो गाजा पट्टी में हमारे लोगों द्वारा झेले जा रहे नरसंहार युद्ध में सीधे तौर पर जिम्मेदार है।”
क्यों पीछे हटा यूएई?
यूएई सरकार की नीति से परिचित सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि यूएई अपने हितों को देखते हुए इजरायली अभियान को नजरअंदाज कर रहा है। उल्लेखनीय है कि यूएई 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते के तहत 30 सालों के लिए इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला सबसे प्रमुख अरब राष्ट्र बन गया।
बात करें इजरायल-हमास युद्ध के मौजूदा हाल की तो इजरायल के एक्शन से अरब देशों में आक्रोश फैल गया है। इजरायल ने 8 अक्टूबर को फिलिस्तीनी सैन्य समूह हमास के खिलाफ युद्ध शुरू किया था। इजरायल का हमास के खिलाफ जवाबी हमला एक दिन पहले हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद सामने आया है। इस हमले में हमास ने 1400 लोगों को मार दिया था और सैकड़ों को बंधक बना लिया था। वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 11 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं।