हिंदू धर्म की आबादी 2050 में होगी इनसे ज्यादा, पर मुसलमानों की ग्रोथ सबसे अधिक; दिलचस्प है रिपोर्ट

अकसर यह सवाल लोगों के जेहन में उठता है कि आने वाले दशकों में दुनिया की आबादी कैसी होगी? किस धर्म के लोग अधिक होंगे और किनकी संख्या घट सकती है। खासतौर पर भारतीयों की बात करें तो हिंदू धर्म और इस्लाम मजहब को लेकर भी अकसर अनुमान आते रहते हैं।ऐसे मामलों में शोध करने वाली अमेरिकी संस्था प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो 2050 यानी अगले 25 सालों में हिंदुओं की आबादी में तेज इजाफा होगा और वे नास्तिकों को पछाड़कर तीसरे नंबर पर होंगे।प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 तक दुनिया में नास्तिकों की आबादी 1.1 अरब से अधिक थी। वहीं हिंदुओं की संख्या 1 अरब से कुछ ही अधिक थी। हालांकि अब डेटा कुछ हद तक बदल चुका है। फिर भी कुछ साल पहले आई रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो उसमें अनुमान जताया गया है कि 2050 तक दुनिया में हिंदुओं की आबादी 1 अरब 38 करोड़ के आसपास होगी। वहीं नास्तिकों की संख्या 1 अरब 23 करोड़ होगी। इस तरह हिंदू धर्म दुनिया में तीसरे नंबर पर आ जाएगा। कुछ अनुमानों में तो यहां तक कहा जा रहा है कि अब भी हिंदू दुनिया में तीसरे नंबर पर आ चुके हैं।अब दुनिया में तेजी से बढ़ने वाले मजहब इस्लाम की बात करें तो 2050 तक उनकी आबादी दुनिया में 2 अरब 76 करोड़ के पार होगी। हालांकि तब भी वे ईसाइयों से थोड़ी पीछे रहेंगे, जो उस दौरान तक 2.9 अरब तक होंगे। लेकिन 2070 तक यह आंकड़ा बदलने का अनुमान है और दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या मुसलमानों की हो सकती है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट कहती है कि 2050 तक दुनिया की आबादी में 31.4 पर्सेंट तक लोग ईसाई होंगे। उनका यह प्रतिशत अब भी है, जो कायम रहेगा। वहीं मुसलमानों की आबादी का प्रतिशत 2010 में 23.2 फीसदी था, जो 2050 तक तेजी से बढ़ते हुए 29.7 पर्सेंट तक पहुंच जाएगा।यहूदियों की संख्या बरकरार रहेगी, बौद्ध होंगे दुनिया में कमइस रिपोर्ट का एक तथ्य गौरतलब है कि 2050 तक बौद्धों की आबादी दुनिया में बढ़ने की बजाय थोड़ा कम हो जाएगी। बौद्ध मत के लोगों की हिस्सेदारी 2010 में दुनिया में 7.1 फीसदी थी, जो कम होकर 5.2 पर्सेंट रह जाएगी। वहीं यहूदियों की संख्या दुनिया में अभी 0.2 फीसदी है, जो 2050 तक भी बरकरार रहेगी।

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