हिमाचल में संकट के बीच असम में भी कांग्रेस को बड़ा झटका, अध्यक्ष ने ही छोड़ दिया

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। इस बीच पूर्वोत्तर राज्य असम में भी पार्टी को करारा झटका लगा है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी ने ही पार्टी छोड़ दी है और अब वह भाजपा में जा सकते हैं।जोरगाट के वरिष्ठ नेता राणा गोस्वामी से पहले भी कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। पिछले दिनों ही एक अन्य कार्यकारी अध्यक्ष कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके अलावा एक अन्य विधायक बसंत कुमार दास ने भी भाजपा की सरकार को अपना समर्थन दे दिया था। इस तरह कुछ ही दिन में असम में तीन बड़े नेता कांग्रेस से अलग हो चुके हैं।केसी वेणुगोपाल के नाम लिखे पत्र में राणा गोस्वामी ने लिखा, ‘मैं असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इसके अलावा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी छोड़ रहा हूं।’ माना जा रहा है कि कांग्रेस के नेता की भाजपा की सेंट्रल लीडरशिप से मुलाकात हो चुकी है। इसके अलावा असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से भी उनकी बात हुई है। हाल ही में सरमा दिल्ली आए थे और इस दौरान लोकसभा उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हुआ था। माना जा रहा है कि राणा गोस्वामी को भाजपा से टिकट भी मिल सकता है और इसीलिए वह भाजपा में जा रहे हैं।सरमा ने मंगलवार को ही कहा था कि राणा गोस्वामी जोरहाट से मजबूत नेता हैं। यदि वह आते हैं तो हम उनका पार्टी में स्वागत करेंगे। गोस्वामी दो बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। संभावना यह भी है कि उन्हें 2026 के विधानसभा चुनाव में ही जोरहाट की किसी सीट से उतारा जाए। बता दें कि दिसंबर 2021 में कांग्रेस विधायक शशि कांत दास ने भी सरकार का यह कहते हुए समर्थन किया था कि मेरे क्षेत्र में इससे ज्यादा काम होंगे। इस पर दास को पार्टी ने निलंबित कर दिया था। यही नहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिद्दीक अहमद और शरमान अली अहमद को भी सस्पेंड किया गया है।

कुछ और विधायक भी लाइन में, सरमा बोले- बस मुस्लिम MLA बचेंगे

गौरतलब है कि 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 126 में से महज 29 सीटें ही मिली थीं। लेकिन यह नंबर कुछ ही वक्त में घटकर 27 हो गया था। दो विधायकों ने भाजपा जॉइन कर ली और फिर उपचुनाव में दोबारा से जीत भी गए। चर्चा है कि कुछ और कांग्रेस विधायक भाजपा में जा सकते हैं या फिर उसकी सहयोगी पार्टी असम गण परिषद का हिस्सा बन सकते हैं। गौरतलब है कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को ही कहा था कि अब कुछ मुस्लिम विधायक ही कांग्रेस में बचेंगे।

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