इन दिनों दुनियाभर के कई देशों के बीच तनातनी चल रही है। एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है तो इसी महीने इजरायल और हमास के बीच भी जंग शुरू हो गई।वहीं, भारत-चीन और अमेरिका-चीन के बीच भी रिश्तों में दरार पड़ी हुई है। अमेरिका और चीन में तनाव के इस दौर में एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई। दरअसल, साउथ चाइना सी के ऊपर उड़ान भर रहे अमेरिकी फाइटर जेट बी-52 बॉम्बर के बेहद करीब चीनी फाइटर जेट आ गया। दोनों के बीच महज दस फीट की ही दूरी बची हुई थी और हल्की भी चूक होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड ने देर रात जारी एक बयान में कहा, ”रात्रि में शेनयांग जे-11 ट्विन इंजन वाला फाइटर विमान अनियंत्रित अत्यधिक गति से बी-52 के 10 फीट के पास उड़ान भरते हुए अमेरिकी वायु सेना के विमान के नजदीक आ गया, जिससे दोनों विमान खतरे में पड़ गए।” सेना ने कहा, “हमें चिंता है कि यह पायलट इस बात से अनजान था कि वह टक्कर के कितने करीब आ गया था।” वहीं, इस मामले में चीन ने अमेरिका पर ही दोष मढ़ दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अमेरिकी विमान जानबूझकर उकसावे के तहत साउथ चाइना सी के ऊपर उड़ान भर रहा था।
‘ताकत दिखाने को दहलीज तक आए अमेरिकी विमान’
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “अमेरिकी सैन्य विमानों ने ताकत दिखाने के लिए हजारों मील की यात्रा करके चीन की दहलीज तक यात्रा की। यह समुद्री और हवाई सुरक्षा जोखिमों का सोर्स है, और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है।” उधर, अमेरिकी सेना ने अपने बयान में कहा कि विमान मंगलवार को अवरोधन से पहले कानूनी रूप से नियमित संचालन कर रहा था, लेकिन विशेष रूप से बी -52 दक्षिण चीन सागर पर क्या कर रहा था या क्या वह इसके साथ था, इस बारे में शुक्रवार के सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। मई में इसी तरह की एक घटना के बाद, चीनी सरकार ने अमेरिकी शिकायतों को खारिज कर दिया और चीन अपने क्षेत्रीय जल के रूप में दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपने दावों को आगे बढ़ाने में तेजी से मुखर हो रहा है। हालांकि, चीन की इस स्थिति को अमेरिका और अन्य देश खारिज करते रहे हैं।
साउथ चाइना सी में दादागिरी दिखाता रहा है चीन
पिछले दिनों साउथ चाइना सी में ही चीन ने दादागिरी दिखाई थी। चीनी तट रक्षक बल के एक जहाज ने साउथ चाइना सी के विवादित तट पर फिलिपीन के जहाज और सेना द्वारा संचालित नौका को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद चीन और फिलिपीन में विवाद बढ़ गया था। इस टक्कर के बाद भी अमेरिका नाराज हो गया था और घटना की निंदा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को चेतावनी दी थी कि किसी भी हमले की स्थिति में अमेरिका फिलीपींस की रक्षा करेगा। इसके बाद चीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि अमेरिका को मनीला के साथ बीजिंग के विवादों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने बीजिंग में संवाददाताओं से कहा, “फिलीपींस के प्रति अमेरिकी रक्षा प्रतिबद्धता को साउथ चाइना सी में चीन की संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों को कमजोर नहीं करना चाहिए और न ही फिलीपींस के अवैध दावों का समर्थन करना चाहिए।”