वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के संपूर्ण हिस्से का अमीन सर्वे के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में अर्जी दी गई है। लार्ड अविमुक्तेश्वर महादेव वाद में वादी हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्त व अजीत सिंह ने गुरुवार को एक अन्य अर्जी देकर संपूर्ण परिसर का अमीन सर्वे कराने की मांग की है।पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने से सुनवाई 28 फरवरी को होगी। पूर्व में वादी विष्णु गुप्त व अजीत सिंह ने दाखिल वाद में दशाश्वमेध मोहल्ले में आराजी संख्या-9130 को लार्ड अविमुक्तेश्वर महादेव की संपत्ति घोषित करते हुए पूजा-अर्चना और राग-भोग की अनुमति मांगी थी। साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में निबंधन संख्या-100 को शून्य घोषित कराने की भी मांग की थी। पूर्व के प्रकरण में अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। तबसे यह मामला लम्बित है।वादियों ने गुरुवार को अधिवक्ता मंगला प्रसाद पाठक व अभिषेक पाठक के जरिए अर्जी देकर ज्ञानवापी के आराजी नं 9130 का अमीन से सर्वे कराने का अनुरोध किया है। कहा है कि उस आराजी पर जो भी विद्यमान देवता और वस्तुएं पाई जाए उसकी रिपोर्ट दी जाए। वादी के खर्च पर इसकी फोटोग्राफी भी हो। अमीन की ओर से पूरी आराजी का सर्वे करने के पश्चात गणनात्मक नक्शा तैयार कराया जाए।
ज्ञानवापी: तीन अन्य प्रकरणों में भी सुनवाई 28 को
वाराणसी, हिटी। आदि विश्वेश्वर-ज्ञानवापी और शृंगार गौरी केस से जुड़े विभिन्न अदालतों में लम्बित पांच अर्जियों पर भी सुनवाई 28 फरवरी तक टल गई हैं। पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने से गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी।
प्रभारी जिला जज व अपर जिला जज-प्रथम अनिल कुमार की अदालत में भी ज्ञानवापी स्थित वुजूखाना व तहखाने की एएसआई सर्वेक्षण की अर्जी पर पर सुनवाई टल गई। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की वादी नंबर-1 राखी सिंह की ओर से जिला जज की अदालत में अर्जी देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील वुजूखाना और बंद तहखानों के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की है। उधर, इसी अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल जिला जज के आदेश के स्थगन प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हो पाई।
अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन अश्वनी कुमार की अदालत में शिवलिंग की आकृति की पूजा-अर्चना और राग-भोग के अधिकार देने की अर्जी पर भी अब सुनवाई 28 फरवरी को होगी। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने आकृति की पूजा-अर्चना और राग-भोग के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी।