3500 फिलिस्तीन मरे, अभी भी मंडरा रहे संकट के बादल

मास के हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई जारी है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल द्वारा जवाबी कार्रवाई में अब तर 3,478 गाजा वासी मारे गए हैं।

इजरायल का कहना है कि जब तक वह अपने बंधकों को छुड़ा नहीं लेता तब तक चुप नहीं बैठेगा। इसी बीच अमेरिका की राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल का दौरा किया है। बाइडेन ऐसे वक्त पर इजरायल पहुंचे हैं जब गाजा के एक अस्पताल पर हुए हवाई हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हो गई है।

यह अस्पताल इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी से बचने के लिए आश्रय की तलाश कर रहे हजारों मरीजों और अन्य नागरिकों को आश्रय दे रहा था। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इजरायल पर अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया है। इस बीच इजरायल ने दावा किया है कि उसके पास सबूत हैं कि यह फिलिस्तीनी लड़ाकों द्वारा दागा गया रॉकेट था जिसने अस्पताल को उड़ा दिया।

इजरायल का पक्ष ले रहे बाइडेन

इजरायल दौरे पर पहुंचे बाइडेन ने अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने इस बात का जिक्र किया की यह हमला इजरायल ने नहीं किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जो देखा, उसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि गाजा अस्पताल में जानलेवा विस्फोट ‘किसी दूसरी टीम’ ने किया था, न कि इजरायली सेना ने। उन्होंने विस्फोट के लिए फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह ‘इस्लामिक जिहाद’ को जिम्मेदार ठहराने के इजरायल के मत को स्वीकार किया।

बाइडेन ने नेतन्याहू के साथ मुलाकात में उनसे कहा, ”मैं यहां बहुत सामान्य वजह से आया हूं। मैं चाहता हूं कि इजराइल और दुनिया के लोग जानें कि अमेरिका का रुख क्या है।” बाइडन ने कहा कि हमास ने 33 अमेरिकियों समेत कई लोगों की हत्या कर दी। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ”हमास सभी फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता और उसने उन्हें केवल पीड़ा पहुंचाई है।” उन्होंने इजराइल के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका सुनिश्चित करेगा कि इजराइल को अपनी रक्षा के लिए जो चाहिए, उसके पास हो।

बाइडेन की यात्रा का क्या हासिल?

ऐसे में बाइडेन की यात्रा का हासिल क्या हो सकता है। क्या बाइडेन की यात्रा से गाजा में खूनी खेल रुक जाएगा? बाइडेन की यात्रा से पहले अस्पताल पर हमले का कूटनीतिक परिणाम सामने आ चुका है। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के साथ शिखर सम्मेलन बाइडेन हिस्सा लेने वाले थे। मगर हमले के बाद बैठक रद्द कर दी गई। ऐसे में अमेरिका के सामने इस्लामिक देशों को मनाने की चुनौती भी है।

इस्लामिक देशों के क्रोध को कैसे शांत करेंगे बाइडेन

उधर ईरान ने भी दोटूक शब्दों में कह दिया है कि अगर गाजा पर इजरायली सेना की घेराबंदी और हमले जारी रहे तो मुस्लिम जगत जवाबी कार्रवाई करेगा। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने मंगलवार को यह चेतावनी दी। उधर लेबनानी सीमा पर इजरायली सेना और ईरान समर्थित शिया सशस्त्र बल हिजबुल्लाह के बीच लड़ाई शुरू हो चुकी है। दोनों तरफ से खून बह रहे हैं। ऐसे में बाइडेन के सामने यह भी चुनौती है कि वह इस्लामिक देशों को क्रोध को कैसे शांत करेंगे।

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