पूजा करते वक्त ऐसे जलाएं दीया, दूर होंगी परेशानियां, जानें- इससे जुड़े सभी जरूरी नियम

हिंदू धर्म में दीपक जलाने का बहुत अधिक महत्व होता है. धार्मिक अनुष्ठानों में बिना दीपक जलाए पूजा अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि जिस घर में प्रतिदिन पूजा होती है और ईश्वर के सामने दीपक जलता है, वहां कभी दरिद्रता नहीं होती है.

व्यक्ति अपनी समझ और श्रद्धा के अनुसार भगवान की आराधना करता है. पूजा के दौरान दीपक जलाने की प्रथा है, लेकिन इसके कुछ नियम और कायदे भी होते हैं. जिसकी अनदेखी आपकी परेशानियों का कारण बन सकता है. आइए जानते हैं दीये से जुड़े कुछ जरूरी नियम.

इन नियमों का करें पालन

  1. दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि दीपक खंडित न हो. यानी, कहीं से भी वो टूटा न हो. ऐसे दीपक का इस्तेमाल करने से नकारात्मकता आती है, साथ ही आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है. मान्यता यह भी है कि खंडित दीपक का इस्तेमाल करने से लक्ष्मी माता नाराज हो जाती हैं.
  2. दीपक में रखे जाने वाली बत्ती को रखने का भी सही तरीका होता है. माना जाता है कि घी का दीपक जलाते समय फूल बत्ती का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है. वहीं, तेल का दीपक जलाते समय खड़ी और लंबी बत्ती का इस्तेमाल करें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दीपक की दिशा भगवान के ठीक सामने रहे.
  3. घी का दीपक जलाते समय उसे अपने बाएं हाथ पर रखें, वहीं तेल का दीपक जलाते समय उसे हमेशा दाईं ओर रखें. सही दिशा में दीपक को रखने से पूजा का अधिक फल प्राप्त होता है.
  4. दीपक जलाने का शुभ समय भी होता है. माना जाता है कि प्रात: काल 5 बजे से लेकर 10 बजे तक दीपक जलाना शुभ माना जाता है. वहीं, शाम के समय 5 बजे से लेकर 7 बजे तक का समय दीपक जलाने के लिए शुभ माना जाता है.
  5. वास्तु के अनुसार, पूजा में जलाए जाने वाले दीपक को सही दिशा में रखना आवश्यक माना जाता है.
  6. मान्यता है कि दीये की बाती को पश्चिम या दक्षिण की ओर भूलवश भी नहीं रखना चाहिए. दिशा की अनदेखी साधक को शुभ के बजाए अशुभ फल प्रदान कर सकती है.

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