पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को बुधवार को अपहरण और रंगदारी के मामले सात साल की सजा सुना दी गई। मंगलवार को दोषी ठहराए जाने के बाद भले ही धनंजय सिंह खुलकर कुछ नहीं बोले थे। कुछ नहीं बोलकर भी कोर्ट पर बहुत कुछ बोल गए थे।अब सजा के बाद खुलकर बोल गए। धनंजय ने अपनी सजा को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए षड्यंत्र करार दिया। धनंजय ने यहां तक कहा कि फर्जी मामले में फर्जी मुकदमा करके मुझे फर्जी सजा सुनाई गई है। हालांकि यह भी जोड़ा कि कोर्ट का निर्णय है। इसका सम्मान है। धनंजय ने यह भी कहा कि हम हाईकोर्ट जाएंगे।धनंजय और उनके साथी के खिलाफ नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपहरण कर डराने-धमकाने और रंगदारी मांगने का मामला चार साल पहले दर्ज कराया था। हालांकि बाद में मैनेजर ने अपने आरोपों को वापस ले लिया था। लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, व्हाट्सएप मैसेज, सीडीआर और अन्य सबूतों को इस तरह पेश किया कि धनंजय उसमें फंस गए। अदालत ने अपहरण, रंगदारी, डराने-धमकाने सभी का दोषी माना और सात साल की सजा के साथ दो लाख का जुर्माना लगाया।सजा के बाद जेल जाते समय धनंजय ने समर्थकों और मीडिया से कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सारा षड्यंत्र रचा गया है। धनंजय ने यहां तक कहा कि पूरा मामला करप्शन से जुड़ा है। फर्जी मामले में फर्जी मुकदमा दर्ज हुआ और आज मुझे फर्जी सजा दे दी गई। धनंजय ने यह भी कहा कि कोर्ट का निर्णय है, इसका सम्मान है। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात भी कही।इससे पहले मंगलवार को दोषी ठहराए जाने पर धनंजय सिंह ने कहा था कि न्यायपालिका पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन यह करप्शन का मामला था, सभी को मालूम है। नमामि गंगे का जिस तरीके से काम चल रहा था, वही इश्यू था। सारी चीजें हो गई थीं। एफआईआर कर्ता ने एफिडेविट दी थी। अननेसेसरी का..इस तरह का …आई डोंट नो वाट हैपनिंग। धनंजय का इशारा आरोप लगाने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर के एफिडेविट पर था। मैनेजर ने एफिडेविट दाखिल कर अपने आरोपों के वापस लिया था औऱ कहा था कि तनाव के कारण सबकुछ हो गया था।