लोकसभा चुनाव से पहले अमरोहा से बसपा के सांसद दानिश अली बुधवार को विधिवत कांग्रेस में शामिल हो गए। राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा और सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद से ही उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा हो रही थी।माना जा रहा है कि दानिश अली अमरोहा से ही कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। दिल्ली में पवन खेड़ा और यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की उपस्थिति में दानिश अली को कांग्रेस की सदस्यता दी गई। बसपा ने पिछले दिनों दानिश को पार्टी से निलंबित भी कर दिया था।कांग्रेस में शामिल होने के बाद दानिश ने कहा कि आज जो देश की परिस्थितियां हैं वह किसी से छिपी नहीं हैं। एक तरफ विभाजनकारी शक्तियां और दूसरी तरफ देश की गरीब, वंचित, पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने वाली शक्ति है। आज हमें फैसला लेना है कि हमें अगर विभाजनकारी शक्तियों से लड़ना है तो राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मिलकर चलना होगा।इससे पहले दानिश अली ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद एक्स पर तस्वीर के साथ लिखा था कि अमरोहा से लोकसभा में अपनी दूसरी पारी के लिए त्याग की प्रतिमूर्ति सोनिया गांधी जी का आशीर्वाद पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उनका दिल भारत के गरीबों के लिए धड़कता है। उनकी अध्यक्षता वाली एनएसी (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद) ने मनरेगा, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा जैसे ऐतिहासिक, गरीब हितैषी और पारदर्शी कानूनों को बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। इस पोस्ट के साथ दानिश अली का इशारा साफ था। उनके लिए अमरोहा का टिकट फाइनल कर दिया गया था। यूपी में सपा ने कांग्रेस को जो 17 सीटें दी हैं, उनमें अमरोहा भी शामिल है।दानिश अली को पिछले साल नौ दिसंबर को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। अमरोहा से बसपा ने इस बार दानिश की जगह मुजाहिद हुसैन को मैदान में उतारा है। मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की पीछे की मायावती की रणनीति को इंडिया गठबंधन और सपा-कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की मंशा मानी जा रही है।