छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जीत का लाभ भाजपा को राज्यसभा सीटें बचाए रखने में मिलेगा। वो 7 सीटें बीजेपी के पास ही रहेंगी जिनके मेंबर अगले साल अप्रैल में रिटायर्ड होने वाले हैं।कांग्रेस भी अपनी 2 सीटें बचा पाने में सफल हुई है। इनमें एक-एक सीट मध्य प्रदेश और राजस्थान से है। हालांकि, कांग्रेस को 2 अन्य सीटों का भी लाभ होने वाला है जो कि उसे तेलंगाना से मिलेंगी। फिलहाल इन दोनों सीटों पर भारत राष्ट्र समिति (BRS) का कब्जा है।पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव रिटायर होने वाले हैं जो कि राज्यसभा सदस्य के तौर पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अप्रैल 2024 में रिटायर होने वाले हैं जो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। तीन राज्यों में मिली जीत का BJP को राज्यसभा के लिहाज से अभी सीधा लाभ मिलता नहीं दिख रहा है जहां सत्ताधारी NDA अभी तक बहुमत में नहीं है। हालांकि, भगवा दल के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 2026 और 2028 के चुनावों के बाद बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों की संख्या भी तेलंगाना से बढ़ सकती है जहां की सभी 7 सीटों पर बीआरएस का कब्जा रहा है।
जीत के बाद भी BJP को अभी क्यों नहीं मिल रहा सीधा लाभ
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं जबकि राजस्थान में 10, तेलंगाना में 7 और छत्तीसगढ़ में 5 सीटें आती हैं। एमपी में फिलहाल बीजेपी के पास 8 सीटें हैं, बाकी 3 पर कांग्रेस काबिज है। अगर राजस्थान की बात करें तो यहां कांग्रेस के खाते में 6 सीटें और BJP की झोली में 4 सीटें हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 4 और भगवा दल के पास 1 सीट है। इसलिए, बीजेपी को बड़ा लाभ तो 2026 और 2028 में राजस्थान और छत्तीसगढ़ से ही मिलेगा, जहां 2018 से 2023 के बीच वह सत्ता में नहीं थी।