चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा फिर पीएम मोदी की रैली से साइडलाइन

लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में दनादन रैलियां कर विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दे रहे हैं। पीएम मोदी ने बुधवार को बेतिया में जनसभा को संबोधित किया। इसमें 21800 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया।इस रैली में बिहार बीजेपी के साथ ही सहयोगी दल जेडीयू और हिन्दुस्तान आवाम पार्टी के नेता मौजूद रहे। मगर चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा नहीं नजर आए। बताया जा रहा है कि दोनों ही नेताओं को पीएम मोदी की रैली का न्योता नहीं दिया गया। इससे सियासी हलके में बिहार एनडीए के अंदर खटपट होने की अटकलें तेज हो गई हैं। चिराग और कुशवाहा चार दिन पहले पीएम मोदी औरंगाबाद और बेगूसराय रैली से भी नदारद थे।बिहार एनडीए में अब तक सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। चर्चा है कि इस कारण चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी और जेडीयू से नाराज चल रहे हैं। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (पूर्व में आरएलजेडी) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को बेतिया में हुई रैली का न्योता नहीं मिला। जब उनकी पार्टी से पूछा गया तो जवाब आया कि बेतिया में पीएम मोदी का सरकारी कार्यक्रम था। कुशवाहा अभी किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, इसलिए उन्हें आमंत्रण नहीं मिला।हालांकि, अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने पीएम मोदी के बिहार आगमन पर पोस्ट करके स्वागत तक नहीं किया गया। लोजपा रामविलास के मुखिया एवं जमुई से सांसद चिराग पासवान की भी यही स्थिति है। वे खुद को प्रधानमंत्री का हनुमान कहते हैं। मगर जब पीएम पांच दिन में दूसरी बार बिहार आए तो उन्होंने भी स्वागत में सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं की।इससे पहले 2 मार्च को पीएम मोदी ने बेगूसराय और औरंगाबाद में जनसभाओं को संबोधित कर बिहार को विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी थी। उस सभाओं में भी चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा नजर नहीं आए। ना ही दोनों नेताओं ने पीएम मोदी के स्वागत को लेकर कोई सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की थी। पीएम मोदी की बेगूसराय रैली का कुशवाहा को न्योता भी दिया था। मगर ऐन वक्त पर वे उस सभा में नहीं पहुंचे।वहीं, दूसरी ओर एनडीए में बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी पार्टी हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता पीएम मोदी के साथ नजर आए। बेगूसराय रैली में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया। वहीं बुधवार को बेतिया रैली में उनके बेटे एवं बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन नजर आए।

चिराग और कुशवाहा की क्या नाराजगी?
दरअसल, बिहार में एनडीए का स्वरूप बदलने के बाद सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची चल रही है। नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी से सीट बंटवारा चुनौतीभरा हो गया है। चिराग पासवान हाजीपुर समेत 6 सीटों पर अपना दावा ठोक रहे हैं। साथ ही वे नीतीश के घोर विरोधी हैं। हाजीपुर सीट को लेकर उनकी अपने चाचा एवं रालोजपा प्रमुख पशुपति पारस से खींचतान जारी है। दूसरी ओर, उपेंद्र कुशवाहा काराकाट समेत कुछएक सीटों पर अपना दावा पेश कर रहे हैं, जिन पर जेडीयू के मौजूदा सांसद हैं। जेडीयू अपनी सीटिंग सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में सीट शेयरिंग का मुद्दा बिहार में उलझा हुआ है।

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